रायगढ़. विगत डेढ़ माह से धरमजयगढ़ वन मंडल में घायल मकान हाथी का उपचार चल रहा था, लेकिन कुछ खास सुधार नहीं होने की स्थिति वन विभाग द्वारा जंगल में हाथी बेड़ा तैयार कर गुरुवार रात को दो कुमकी हाथी भी बुलाया गया था, ताकि उसका बेहतर उपचार हो सके, लेकिन शुक्रवार को सुबह उसकी छाल रेंज में मौत हो गई। उक्त घटना की पुष्टि वन परिक्षेत्राधिकारी सीवी सिदार ने की है।
उल्लेखनीय है कि वन अधिकारियों के अनुसार विगत दिसंबर माह में कोरबा वन मंडल क्षेत्र से एक हाथी ‘मकना’ घायल हो गया था, जिसका वहां उपचार चल रहा था, लेकिन वह विचरण करते हुए विगत 19 दिसंबर को धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में पहुंच गया, जिसकी जानकारी मिलते ही धरमजयगढ़ वन मंडल के अधिकारियों द्वारा उस पर लगातार नजर बनाए हुए थे और उसका उपचार भी कर रहे थे, लेकिन उसकी तबीयत में कुछ खास सुधार नहीं हो रहा था। जिसको लेकर वन विभाग द्वारा घायल मकना हाथी के बेहतर इलाज़ के लिए गुरुवार को दो कुमकी हाथी लाए गए हैं। जिससे शुक्रवार को कुमकी हाथी के साथ चिकित्सकों की टीम द्वारा इस घायल गजराज के इलाज़ की कवायद शुरू की गई। छाल रेंज के बेहरामार वन परिसर में मौजूद इस घायल हाथी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। ऐसे में वन अधिकारी ने बताया कि बेहरामार परिसर के कंपार्टमेंट नंबर 572 में घायल हाथी विचरण कर रहा था। जिससे शुक्रवार को कुमकी हाथी और चिकित्सकों की टीम वहां पहुंची और हाथी का इलाज़ शुरू किया गया, लेकिन अचानक उक्त हाथी गिर गया और उसकी मौत हो गई। साथ ही बताया जा रहा है कि घायल हाथी के इलाज के लिए छाल रेंज के बेहरामार वन परिसर में एक बाड़ा (निश्चित दायरे में सीमित घेरा) तैयार किया गया था। जहां कुमकी हाथी की मदद से घायल गजराज को इस बाड़े में लाकर उसके उपचार की योजना बनाई गई थी। वहीं बताया जा रहा है कि कुमकी हाथी के मदद से घायल गजराज को इस बाड़ा में रख कर उपचार होता तो काफी राहत मिलता, लेकिन उक्त हाथी घायल हालत में ही लगतार छाल रेंज में भ्रमण कर रहा था, जिससे उसका घाव सही नहीं हो पाया और इंफेक्शन फैलने के कारण उसकी मौत हो गई।
अधिकारियों की टीम मौके पर मौजूद
शुक्रवार को सुबह से ही वन अमला और चिकित्सकों की टीम छाल रेंज के बेहरामार वन क्षेत्र में पहुंच गए थे, साथ ही हाथी की मौत की सूचना पर आला अधिकारी भी घटना स्थल के लिए रवाना हुए थे, लेकिन इस मामले में क्या कार्रवाई हो रही है इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि अब शनिवार को ही पीएम कराया जाएगा, तभी खुलासा हो पाएगा कि आखिर किसी कारण उक्त हाथी की मौत हुई है।
कोरबा में भी हुआ था इलाज
उल्लेखनीय है कि कोरबा वन मंडल क्षेत्र में विगत 19 दिसंबर को इस घायल गजराज का इलाज़ कराया गया था। जिसके बाद यह घायल गजराज छाल रेंज में पहुंचा था, तब से यहीं पर डटा हुआ था। जिससे वन विभाग द्वारा घायल हाथी को गुड़ व केला के साथ दवा दी जा रही थी, लेकिन उसकी तबीयत में खास सुधार नहीं होने से उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बेहतर उपचार के लिए कुमकी हाथी लाया गया था, ताकि उपचार हो सके, लेकिन शुक्रवार को जब टीम पहुंची तो कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
उपचार के दौरान घायल ‘मकना’ हाथी की मौत
धरमजयगढ़ के छाल रेंज की घटना, बीती रात उपचार के लिए मंगाए थे दो कुमकी हाथी
