रायपुर। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि भाजपा की सरकार नगरीय निकायों में कांग्रेस शासन काल में हुई गड़बडिय़ों की जांच करेगी। रायपुर में साव ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर नगरी निकायों में कांग्रेस के महापौर रहे। वहां विकास के काम नहीं हुए, सिर्फ सरकारी फंड को लूटने का काम और भ्रष्टाचार हुआ। इसकी हम जांच कराएंगे। अरुण साव ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक आरोप पत्र लेकर आ रही है। इसमें अलग-अलग नगर निगम में कांग्रेस महापौर की ओर से की गई गड़बड़ी का खुलासा होगा। जनता के बीच यह आरोप पत्र लेकर भारतीय जनता पार्टी जाएगी।
इससे पहले दैनिक भास्कर से बातचीत में रायपुर से भारतीय जनता पार्टी की महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे ने भी कहा था कि कांग्रेस के महापौर एजाज के कार्यकाल की फाइलें निकाली जाएगी और भ्रष्टाचार पर एक्शन होगा। अब मंत्री के सामने आए बयान के बाद यह माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा इस चुनावी माहौल में भाजपा बनाने जा रही है। बिलासपुर नगर निगम के स्मार्ट सिटी फंड में 77 लख रुपए की गड़बड़ी का मामले सामना आया था। ठेकेदार ने बिना काम किए ही फंड निकाला था। सरगुजा नगर निगम के पास सरकारी भूमि नहीं होने का मामला उजागर हुआ था। इसमें आंगनबाड़ी पीडीएस दुकान खोलने के लिए भी जमीन नहीं बची है। आरोप है कि अधिकारियों से मिलकर कारोबारी ने जमीन हासिल की।
जगदलपुर की महापौर सफीरा साहू पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। बिना सडक़ बनाए ही सरकारी पैसे हासिल करने के आरोप लगे थे। हालांकि पहले सफीरा कांग्रेस में थी अब भाजपा में हैं। कोरबा नगर निगम में भी घूसखोरी और भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक इंजीनियर को 35 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। जनप्रतिनिधि लगातार कोरबा में नगर निगम के कामों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं। डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान सामने आने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, पानी, साफ सफाई भाजपा की सरकार आने के बाद से बदहाल है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने डिप्टी सीएम साव से सवाल किया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 25 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने पर अरुण साव ओबीसी वर्ग से माफी कब मांगेंगे? सरकार की नाक के नीचे मोवा ओवरब्रिज के गुणवत्ताहीन कार्य में ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया? किसका संरक्षण है? या भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी है? राजधानी के ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित करने वाले, भाजपा के भ्रष्टाचार का स्मारक स्काईवॉक पर क्या स्टैंड है? एक भाजपा नेता की जिद और भ्रष्टाचार जरूरी है या शहर की जनता की सहूलियत?