नवीन लाटा खरोरा-रायपुर की विशेष रिपोर्ट, दिल्ली से लाइव। जनजाति कार्य मंत्रालयए नई दिल्लीए भारत सरकार ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम को जनजाति गौरव दिवस 2024 के दौरान सम्मानित किए जाने वाले जनजाति लाभार्थियों को गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए विशेष अतिथि के रूप में बुलाने का निर्देश दिया गया है। जिसके परिपालन में छत्तीसगढ़ से सात लाभांवित हितग्राहियों को दिनांक 22 जनवरी 2025 को गोंडवाना एक्सप्रेस से नई दिल्ली लाया गया है। दिनांक 23 जनवरी को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन में उतरते ही लग्जरी टूरिस्ट बस से 4 सितारा होटल क्लासिक डिप्लोमेट में ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है।
अनेकता में एकता वाली कहावत को चरितार्थ करता गणतंत्र पर्व के साथ ही दिल वालों की दिल्ली में जनजाति कार्य मंत्रालयए भारत सरकारए नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के कश्मीर से लेकर केरल तक वहीं गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक सभी प्रदेशों से जनजाति वर्ग के हितग्राहियों का कुंभ मेला लगता नजर आ रहा है। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बिल्कुल करीब महिपालपुर में ही होटल डिप्लोमेटए होटल विवाए होटल वर्चू सरीखे कई होटलों में गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, मेघालय, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु सहित सभी प्रदेशों से हितग्राही विशेष अतिथि के रूप में मौजूद हैं। मानो इलाहाबाद में धार्मिक कुंभ व दिल्ली में लोकतंत्र के कुंभ की गंगा बह रही है। पहले दिन की शुरुआत प्राचीनतम इमारत जिसे कुतुब मीनार कहा जाता है में जाने से हुई। वैसे तो कुतुब मीनार कुवतुल इस्लाम मस्जिद के नाम से प्रसिद्ध है यह इमारत भारत में स्थित प्राचीनतम मस्जिद है इसके मध्य स्थित आयताकार सहन के चारों ओर ढलान बने हैं जिसमे प्रयुक्त खंबे तथा दूसरी वस्तु सामग्री मूलत: 27 हिंदू एवं जैन मंदिरों को नेस्तनाबूद कर प्राप्त की गई थी। इस मस्जिद का निर्माण ममलुक वशी सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक ने सन 1193 से सन 1197 के बीच करवाया। इमारत के सामने पांच विशाल मेहराबों की पंक्ति बाद में लगाई गईए ताकि इसमें इस्लामी वास्तुकला की विशेषता दृष्टिगोचर हो। इन मेहराबों पर अंकित धार्मिक लेख ज्यामितिक एवं अरबी ढंग का अलंकरण है। पर इनकी गठन में हिंदू शिल्प की छाप स्पष्ट है। कालांतर में शमसुद्दीन इल्तुतमिश और अलाउद्दीन खिलजी ने मस्जिद का परिवर्धन किया। इसके कालों में बने मस्जिद के पूर्व भागों पर अंकित ज्यामितिक अलंकरण पर विशुद्ध इस्लामी प्रभाव है। कुतुब मीनार का दीदार कर सभी लोग वापस अपने होटल में आराम करने आ गए।
दिल्ली का दूसरा दिन यानी आज 24 जनवरी को कडक़ड़ाती ठंड में प्रात: 9रू00 बजे नाश्ता के बाद जनजाति अतिथियों का काफिला लगभग 10 किलोमीटर दूर सुब्रतो पार्कए ताज पैलेसए धौला कुआंए ब्रिटिश एंबेसीए चीनी दूतावासए इंडोनेशिया दूतावास से होते हुए क्रमश: छत्तीसगढ़ भवनए सिक्किम भवनए उत्तर प्रदेश भवनए गुजरात भवन होते हुए तीन मूर्ति मार्ग स्थित प्रधानमंत्री संग्रहालय पहुंचा। प्रधानमंत्री संग्रहालय पहुंचकर सभी अतिथि कतारबद्ध हो देश की आजादी से लेकर अब तक के समस्त प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक के समस्त कार्यकाल का लेखा.जोखा उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्योंए उनके योगदानों को पुराने चित्रोंए दृश्यए प्राचीन संग्रहित वस्तुओं के माध्यम से देखा एवं समझा। पुरानी स्मृतियों को सहेज कर बेहतरीन सजीव चित्रण का प्रयास किया गया हैए मानो ऐसा लगता है कि उस बीते हुए कल में हम प्रत्यक्ष रूप से उन घटनाक्रमों को अपनी आंखों से स्वयं देख रहे हो। पुरानी स्मृतियों को सादगी व संजीदगी के साथ सहज कर रखा गया हैए जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरूए इंदिरा गांधीए राजीव गांधीए वीपी सिंहए इंद्र कुमार गुजरालए एचडी देवेगौड़ाए चौधरी चरण सिंह ए मोरारजी देसाईए लाल बहादुर शास्त्री जी के घटनाक्रमों को देखकर यादें ताजा हो गई।
प्रधानमंत्री संग्रहालय की खास बातें यह है कि यहां देश के साथ ही विदेशों से भी लोग घूमने आते हैं इससे आपको देश के सभी प्रधानमंत्री से जुड़ी जानकारियां और चीज मिलेगी जो आपको कहीं और नहीं मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 अप्रैल 2022 को इस संग्रहालय का उद्घाटन किया। दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर 15600 स्क्वायर मीटर में 306 करोड़ की लागत से बनाया संग्रहालय देश के प्रधानमंत्री के नाम है और नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एवं लाइब्रेरी का हिस्सा है। आजादी के अमृत महोत्सव स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने परद्ध के तहत इस संग्रहालय को देश के लिए सौंपा गया। अब तक देश के 15 प्रधानमंत्री के बारे में यहां जानकारियां उपलब्ध है। संपूर्ण संग्रहालय को दो बिल्डिंग जोन में विभाजित किया गया है। बिल्डिंग एक में स्वतंत्रता के समय भारतए ब्रिटिश विरासतए संविधान के निर्माताए संविधान का निर्माणए जब भारत स्वतंत्र हो गयाए लोकतांत्रिक भारतए संवैधानिक संशोधनए 1946 तक प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक यात्राए 1947 का बंटवाराए पंडित नेहरू का कमरा ए पंडित नेहरू का सिटिंग रूमए पंडित नेहरू का स्टडी रूमए पंडित नेहरू जी की गैलरीए ट्रस्ट विद डेस्टिनी प्रसिद्ध भाषण जो उन्होंने अपने हाथों द्वारा लिखाद्ध है इंदिरा गांधी जी का बेडरूमए भारत चीन युद्धए तोशखाना के बारे में बताया गया है।
वहीं बिल्डिंग दो में प्रधानमंत्री के परिचयए स्वतंत्रता और एकताए टाइम मशीनए अनुभूतिए लाल किले की प्राचीर सेए भविष्य की झलकियांए 2047 का भारत कैसा होगाए प्रधानमंत्री की गैलरीए उनके उपलब्धियांए उनके जीवन के बारे में जीवन के चित्रण किया गया है। कुल मिलाकरआज का दिन धन्य हो गयाए जो छत्तीसगढ़ से ही नहीं अपितु समूचे प्रदेश के लोग गणतंत्र के इस महापर्व रूपी कुंभ में गोता लगाकर पुण्य के भागीदार बन रहे हैं। आधिकारियों में अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (भारत सरकार का उपक्रम) नई दिल्ली से रेखा, किरण पुष्कर, अंजू सिंह, पूनम सिंह, जया पूर्ति, राहुल नागर व आकाश कुमार शामिल रहे।
छत्तीसगढ़ के दल ने देखा प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं कुतुबमीनार
