निरीक्षण में विशेष कोचिंग सेंटर सुव्यवस्थित संचालित मिले
एक पेड़ माँ के नाम वृहद वृक्षारोपण में लौंग, अमरूद, नारियल फलदार पौधा रोपण भी किया गया
अधीक्षिका छात्रावास को जिले में प्रथम स्थान के लिए कर रही मेहनत
सारंगढ। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले की विकास खण्ड सारंगढ की प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति कन्या छात्रवास छिन्द की आकस्मिक निरीक्षण सहायक आयुक्त बद्रीश सुखदेवे द्वारा किया गया। निरीक्षण दौरान विशेष कोचिंग सेंटर सुव्यवस्थित संचालन पाया गया। प्रशिक्षक गणित नरेश पटेल द्वारा गणित विषय का अध्यापन कराया सुबह पाया गया। विज्ञान विषय प्रशिक्षक श्रीमती सुखनी जांगड़े एवं अंग्रेजी विषय प्रशिक्षक दिनेश रात्रे द्वारा कोचिंग दिया जाता है। उक्त प्रशिक्षकों को सहायक आयुक्त ने सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया। एवं बच्चों को गणित व सामान्य ज्ञान की प्रश्न पूछे जिस पर सभी बालिकाओं ने सही उत्तर दिए। बच्चों को उत्साहवर्धन हेतु सहायक आयुक्त द्वारा इनाम भी दिया गया एवं आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया गया।
स्मार्ट क्लास संचालित है प्राय: देखा जाता है कि आधुनिक युग में मशीनी सामग्री धूल खाती पड़ती है परंतु यहाँ अधीक्षिका की सूझ बूझ से एवं बच्चों की पढ़ाई के लिए एवं बच्चों के मनोबल को बढ़ाने के लिए अपने वेतन की राशि से संस्था में जिओ फाइबर लगवा कर प्रोजेक्टर के माध्यम से स्मार्ट क्लास संचालित कर रही है। अब बच्चे स्वयं अपने-अपने कक्षों की गणित, अंग्रेजी, विज्ञान व सामान्य ज्ञान की पढ़ाई प्रोजेक्टर के माध्यम से कर ले रहे हैं। एवं पढ़ाई संबंधी समस्याओं को नेट व यू ट्यूब के माध्यम से कठिन को सरल ढंग से समझ पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। निरीक्षण में अधिकारियों ने इस पर अधीक्षिका की प्रसंशा किये।
बच्चों की आवश्यकता सामग्री की वितरण- सहायक आयुक्त महोदय के निर्देशानुसार शिष्यवृत्ति राशि की 15त्न राशि का उपयोग बच्चों की आवश्यकता आधारित सामग्री वितरण में अधीक्षिका ने बच्चों के लिए लोवर, टी शर्ट एवं कॉपी पेन सहायक आयुक्त बद्रीश सुखदेवे एवं वेतन केंद्र प्रभारी विमल कुमार अजगल्ले के हाथों सभी बालिकाओं को दिया गया। इससे पहले भी इस सत्र दो बार कॉपी,पेन, शीश, टाई – बेल्ट, पानी बॉटल व जरूरत अनुसार अन्य सामग्री वितरण की गई है।
एक पेड़ माँ के नाम वृहद वृक्षारोपण व सौंदर्यीकरण – सहायक आयुक्त द्वारा एक पेड़ माँ के नाम के तहत लौंग पौध रोपण किये तथा वेतन केंद्र प्रभारी व अधीक्षिका द्वारा नारियल, अमरूद फलदार वृहद वृक्षारोपण किया गया। छात्रावास में लगभग 100 केले, 15 अमरूद, 20 मुनगा, 03 लौंग, 4 पपीता, सहित लगभग 400 से अधिक वृक्षारोपण कर अधीक्षिका श्रीमति रथबाई भारद्वाज ने छात्रावास की सुंदरता को बढ़ाने में सफल रही। तथा छत्रावास के सामने बाहर रोड़ पर लगभग 200 मीटर तक जॉली घेराव कर बहुत से फलदार, फूल सहित सो पत्ता लगाकर उद्यानिकी सौंदर्यीकरण करने की सफल प्रयास की गई है जिसकी प्रसंशा ग्रामीणों द्वारा किया जाता है साथ ही अधिकारियों द्वारा भी प्रसंशा किया जाता है।
सुंदर किचन गार्डन – छत्रावास की अधीक्षिका श्रीमती रथबाई भारद्वाज ने छ: स्थानों पर सेमी (सेम) सब्जी लगाई है, साथ ही मेथी भाजी, लौकी, फूलगोभी, पत्ता गोभी एवं टमाटर लगाई है। मजदूरों की सहयोग से सुंदर किचन गार्डन का निर्माण की गई है।
स्वस्थ व खुशहाल वातावरण का निर्माण – अधीक्षिका रथबाई भारद्वाज ने बच्चों की खुशहाली के लिए एक कदम आगे बढ़ते हुए गरीब मजदूर वर्ग के बालिकाएं छत्रावास में अपने माता पिता को छोडक़र रहते हैं बहुत से माता पिता पालक पलायन में रहते हैं इस बात को ध्यान में रखती हुई बच्चों की जन्मदिन के अवसर पर केक काटकर हर्षोल्लास के साथ मनाती है। इस प्रकार सभी बच्चों को उनके जन्मदिन को हर्षोल्लास के साथ मनाकर एक खुशहाल व स्वस्थ वातावरण का निर्माण की है। ऐसे बहुत से बालिकायें हैं जिनकी माता पिता पालक पलायन में है उनकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी अधीक्षिका पर निर्भर रहती है। और उक्त निर्वहन को जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रही है।
राष्ट्रीय पर्व व महापुरुषों की जयंती धूमधाम से मनाते हैं- छिन्द की आदर्श छत्रावास के रूप में विकसित है जहाँ राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है साथ ही बाबा गुरुघासीदास जयंती, भगवान बिरसा मुंडा जयंती, माता सावित्री बाई फुले जयंती, महात्मा गांधी जयंती, डॉ भीमराव आंबेडकर जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
संस्था में हैं होनहार बच्चे- इस संस्था में 10 वी 88त्न 12वी 85त्न 8 वी में 95त्न 9 वी में 95त्न सहित उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम लाने वाली बालिकायें छत्रावास को गौरान्वित कर रही हैं। तथा खेलकूद व सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्काउट गाइड में बढ़चढ़ कर भाग लेकर छत्रावास को आदर्श छात्रावास के रूप में नाम रोशन करने में महती भूमिका निभा रही हैं।पिछले सत्र लगभग 35 बालिकाओं ने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई एवं 20 बालिकाओं ने 70त्न से अधिक प्रतिशत लाकर संस्था को गौरांवित की है। उक्त सभी सराहनीय कार्यों में छत्रावास की प्रभारी अधीक्षिका श्रीमती रथबाई भारद्वाज की महत्वपूर्ण योगदान मार्गदर्शन एवं भूमिका रही है।। तथा बच्चों द्वारा सहर्ष सहयोग भी अधीक्षिका को मिलती है।
बन सकता है प्रेरणा स्रोत – यदि शासन प्रशासन ध्यान दे तो यह अन्य छात्रावासों हेतु प्रेरणा स्रोत केंद्र बन सकती है। इस संस्था से प्रेरित होकर जिले के अन्य छत्रावास आश्रम को इसका लाभ मिल सकता है। इससे प्रेरित होकर यदि जिले की अन्य आश्रम छत्रावास अनुसरण करेंगे तो गरीब मजदूर वर्ग के बच्चों को इसका लाभ मिल सकता है और लाभान्वित हो सकते हैं।। जिसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति व मेहनत की आवश्यकता होगी।