गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर पर बीते रविवार से मंगलवार तक चले जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 20 माओवादियों को मार गिराया गया है। मृत नक्सलियों में 1 करोड़ का इनामी जयराम उर्फ चलपती भी शामिल है। आईजी अमरेश मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है। मौके से बड़ी संख्या में माओवादियों के हथियार, नक्सली सामान समेत विस्फोटक पदार्थ बरामद किया गया है। रात होने की वहज से फिलहाल सर्चिंग अभियान को रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों के मौतों का आंकड़ा और भी बड़ सकता है।
दरअसल, जिला गरियाबंद में नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत थाना मैनपुर कुल्हाडीघाट भालूडीग्गी पहाड़ी के आस-पास क्षेत्र में ओडिशा स्टेट कमेटी के धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन के अंतर्गत एसडीके एरिया कमेटी एवं इंदागांव एरिया कमेटी के नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी। इस सूचना पर जिला बल गरियाबंद, कोबरा-207, सीआरपीएफ-65 एवं 211 बटालियन व एसओजी जिला नुआपाडा (ओडिशा) की संयुक्त पार्टी नक्सल विरोधी अभियान रवाना हुई थी।
अभियान के दौरान 19 जनवरी की सुबह 10 बजे कुल्हाडीघाट भालूडीग्गी पहाड़ी (उडिसा सीमा से 10 कि.मी. अंदर) घात लगाये नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में नक्सली खुद को घिरता देखकर जंगल-पहाड़ी का आड़ लेकर भाग खड़े हुए। मुठभेड़ लगभग 36 घण्टा से लगातार जारी है।
मुठभेड़ के बाद एरिया की सर्चिंग करने पर सेन्ट्रल कमेटी मेम्बर एवं उसके प्रोटेक्शन टीम, धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन के एसडीके एरिया कमेटी एवं इंदागांव एरिया कमेटी के माओवादी के साथ 14 महिला/पुरूष नक्सली के शव बरामद किया गया।
मुठभेड़ में इंसास, एसएलआर के साथ 14 ऑटोमेटिक/अन्य हथियार तथा भारी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद किया गया है। मारे गये नक्सलियों का शव व बरामद सामाग्रियों को जिला मुख्यालय वापसी पश्चात उनकी पहचान एवं अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। वर्तमान में अभी भी मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ के दौरान कोबरा 207 बटा. का आरक्षक नीरज कुमार वर्मा घायल हुआ था। जिसे बेहतर उपचार हेतु नारायणा अस्पताल रायपुर भेजा गया था। इसी प्रकार आज मुठभेड़ में एसओजी नुआपाडा के आरक्षक धमेन्द्र भोई घायल हुआ है। जिसे भी उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। वर्तमान में दोनो जवानों की स्थिति सामान्य है।
पहली बार ड्रोन का ऐसा इस्तेमाल
बस्तर में ड्रोन का प्रयोग मुठभेड़ के समय नहीं किया जा सका, क्योंकि जंगल इतने ज्यादा हैं कि कुछ भी दिखना संभव नहीं हो पाता। ड्रोन कैमरे से देखकर नक्सलियों को मारने का ये पहला प्रयोग है।
आंध्र प्रदेश का था जयराम उर्फ चलपति
जयराम रेड्डी उर्फ रामाचंद्रा रेड्डी उर्फ अप्पाराव उर्फ रामू आंध्र प्रदेश के चित्तूर के माटेमपल्ली का रहने वाला था। इसकी उम्र करीब 60 साल थी। इसने 10वीं तक की पढ़ाई की थी। वह सेंट्रल कमेटी मेंबर (सीसीएम) कैडर का था। चलपति बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में भी सक्रिय था। एके-47, एसएलआर जैसी राइफल रखता था। इसकी सुरक्षा में भी करीब 8 से 10 गार्ड रहते थे। सूत्रों की मानें तो अबूझमाड़ में लगातार हो रही मुठभेड़ के बाद कुछ महीने पहले ही इसने अपना ठिकाना बदल दिया और गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर पर चला गया था। यह नक्सल संगठन में फ्रंटलाइन का लीडर था।
आखिरी सांसें गिन रहा नक्सलवाद-सीएम
गरियाबंद में जवानों को मिली कामयाबी पर सीएम साय ने कहा कि नक्सलवाद की जड़ें अब पूरी तरह कमजोर हो चुकी हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवानों की पीठ थपथपाई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि नक्सलमुक्त भारत बनाने के उनके अभियान में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। देश में नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प साकार होगा।