धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मण्डल अंतर्गत एक घायल हाथी करीब माहभर से धरमजयगढ़ वन मण्डल क्षेत्र में विचरण कर रहा है, जिसकी मॉनिटरिंग लगातार जारी है। जानकारी अनुसार बीते करीब पखवाड़े भर से यह हाथी छाल रेंज अंतर्गत पुरूँगा जंगल के 563 आरएफ में विचरण कर रहा है। छाल रेंज के वन अधिकारी सी.वी. सिदार ने बताया कि हाल ही में इस घायल ‘मकना’ हाथी के स्वास्थ्य को लेकर उच्च अधिकारियों से पत्राचार किया गया है। जिसके बाद रविवार को बिलासपुर से चिकित्सकों की टीम छाल रेंज पहुंची और घायल हाथी के स्वास्थ्य का जायजा लिया। अधिकारी ने बताया कि हाथी को खाना के साथ दवा लगातार दी जा रही है। लेकिन अब तक इस चोटिल हाथी के स्वास्थ्य में खास सुधार होने की बात पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस कारण से उच्च अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। इस मामले को लेकर विभागीय सूत्रों ने बताया कि इस घायल हाथी को बेहतर इलाज़ के लिए अभ्यारण्य में शिफ्ट करने की योजना पर विचार किया जा सकता है।
गौतमी दल की निगरानी तेज़, उधर 36 हाथियों की आमदगी
वर्तमान समय में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले छाल रेंज में हाथियों को लेकर अतिरिक्त सक्रियता और सतर्कता बरती जा रही है। छाल रेंज में कोरबा जिले से आए एक घायल हाथी के साथ साथ गौतमी दल की उपस्थिति से वन विभाग द्वारा सुरक्षा कवायद तेज कर दी गई है। यह चोटिल हाथी काफी समय से छाल वन परिक्षेत्र में रुका हुआ है। जिसके बेहतर इलाज के लिए सभी संभव उपाय अपनाए जा रहे हैं। इसके अलावा खडग़ांव बीट के राजा जंगल में गौतमी दल का मूवमेंट हुआ है। हाथियों का यह गौतमी नामक दल काफ़ी समय से धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र में डटा हुआ है। गौतमी दल अपने आक्रामक रवैये के कारण विख्यात है। इन सब के बीच छाल रेंज के लोटान बीट में 36 हाथियों का दल पहुंचा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार यह समूह घरघोड़ा वन परिक्षेत्र की ओर से आया है। वहीं, 36 हाथियों के इस समूह के आने के बाद धरमजयगढ़ फारेस्ट डिवीजन में हाथियों की संख्या बढक़र 66 हो गई है।