जांजगीर-चांपा। जल जीवन मिशन योजना के तहत जिले में अरबों रुपये की लागत से पाइप लाइन बिछाने सहित पानी टंकी निर्माण का कार्य चल रहा है, लेकिन पीएचई विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण इस योजना की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं, जिसका सीधा असर गांवों के ग्रामीणों पर पड़ रहा है और जल जीवन मिशन का उद्देश्य निरर्थक साबित हो रहा है।
जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अमोदा, मिसदा और कुरयारी में 5 करोड़ 92 लाख रुपये की लागत से पानी टंकी निर्माण कार्य कराया गया है, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी अधिकांश ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। कई जगहों पर पाइप लाइन तो बिछाई गई है, लेकिन उसकी टोंटी गायब हैं और कहीं नल टूटी पड़ी हैं। पानी टंकी में कई जगहों पर सीपेज़ की समस्या सामने आ रही है। यह स्थिति बताती है कि निर्माण कार्य में गंभीर लापरवाही बरती गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर चंद महीनों में ही पानी टंकी में सिपेज़ जैसी समस्याएं दिख रही हैं, तो यह निर्माण कार्य कितना मजबूत और टिकाऊ होगा, इस पर संदेह उठता है। साथ ही इस स्थिति के कारण योजना का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है और योजना के करोड़ों रुपये बर्बाद हो रहे हैं।
इस कारण से कमजोर हो सकता है स्ट्रक्चर
नगर पालिका जांजगीर-नैला के इंजीनियर नारायण आदित्य ने बताया कि आरसीसी स्ट्रक्चर में प्रॉपर कंपैक्शन न होने के कारण कंक्रीट के अंदर हवा के (वाइड्स) बुलबुले बन जाते हैं, जिन्हें अगर ठीक से हटाया नहीं जाता तो स्ट्रक्चर कमजोर हो सकता है। कंपैक्शन से कंक्रीट की घनता बढ़ती है, जिससे वह अधिक लोड सहन कर सकता है और उसमें पानी या तरल पदार्थ का रिसाव नहीं होता। यह प्रक्रिया संरचना की स्थायित्व और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो जंग लगने और संरचना के ढहने का खतरा बढ़ सकता है।
जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदारों की लापरवाही
पीएचई विभाग के जिम्मेदारों और ठेकेदारों की लापरवाही के कारण यह कार्य सही से नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति निश्चित रूप से योजना के उद्देश्य और नागरिकों के हक में बड़ी चूक साबित हो रही है। ठेकेदारों की यह लापरवाही और विभाग की अनदेखी जिले के विकास को भी प्रभावित कर रही है, जिससे नागरिकों को जल जीवन मिशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस स्थिति में आवश्यक है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।
जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में जमकर गड़बड़ी
अमोदा, मिसदा व कुरयारी में 5 करोड़ 92 लाख की लागत से बनी टंकियों में सीपेज़, जल जीवन मिशन बना अधिकारियों एवं ठेकेदारों के लिए मोटी कमाई का जरिया
