रायगढ़। नगर पंचायत लैलूंगा का आगामी चुनाव इस बार बेहद रोचक और प्रतिस्पर्धात्मक होने वाला है। जैसे ही नगर पंचायत का अध्यक्ष पद अनारक्षित हुआ, कई समाजसेवी और धनकुबेर अपनी-अपनी दावेदारी तय करने में जुट गए हैं। हर दावेदार का सपना नगर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का है। वहीं, नगर की जनता को भी पहली बार अपने नगर का प्रथम व्यक्ति चुनने का अवसर मिल रहा है, जिससे वे बेहद उत्साहित हैं।
भाजपा से वर्तमान अध्यक्ष कपिल सिंघानिया का नाम सबसे आगे है। विषम परिस्थितियों में उन्होंने नगर पंचायत में कमल खिलाकर अपने नेतृत्व का परिचय दिया है। उनके समर्थक हर वार्ड में सक्रिय हैं और एक बार फिर उन्हें जिताने के लिए पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं।
भाजपा से अन्य संभावित उम्मीदवारों में चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष मनीष मित्तल का नाम भी चर्चा में है। एक युवा व्यवसायी और नगर के सबसे बड़े परिवार से होने का उन्हें लाभ मिल सकता है। वहीं, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष आशीष मित्तल भी अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर चुके हैं। क्रिकेट से जुड़े होने के कारण युवाओं के बीच उनकी अच्छी पकड़ है।
अन्य दावेदारों में कृष्णा सुरेश जायसवाल, ईश्वर पटेल, और नरेश नायक भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने-अपने स्तर पर पार्टी का ध्यान खींचा है।
कांग्रेस से मोहन मित्तल का नाम सबसे ऊपर है। 2009 के चुनाव में उन्होंने सत्तारूढ़ दल को कड़ी चुनौती दी थी। यदि कांग्रेस में गुटबाजी न होती, तो उनके लिए जीत हासिल करना मुश्किल नहीं था। इस बार भी वे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
दूसरे प्रमुख दावेदार आदित्य बाजपेयी हैं, जो एक धनकुबेर और पूर्व विधायक के करीबी हैं। कमजोर वर्गों में उनकी अच्छी पकड़ है, जिससे वे कांग्रेस के लिए प्रभावी उम्मीदवार बन सकते हैं। अन्य नामों में चंद्रदीप मित्तल और कई अन्य दावेदार चर्चा में हैं।
नगर में चर्चा है कि इतिहास अपने आप को दोहरा सकता है, और 2009 के चुनाव जैसा रोमांचक मुकाबला इस बार भी देखने को मिल सकता है। दोनों प्रमुख दलों के अलावा, निर्दलीय उम्मीदवारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस राजनीतिक ऊंट की करवट किस ओर जाती है और कौन लैलूंगा का नेतृत्व संभालता है। नगर की जनता भी आस लगाए बैठी है कि वह अपने विकास के लिए सबसे योग्य व्यक्ति का चयन करेगी।