बिलासपुर। भारत, एक ऐसा देश जिसकी धडक़नें उसके गौरवशाली इतिहास में बसती हैं और जहां आध्यात्मिकता हर गली और चौराहे पर जीवंत है, हमेशा से अपने लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा है। भारतीय सदियों से प्रवासी रहे हैं और अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत और अदम्य आत्मा को हर जगह साथ लेकर गए हैं। आज ये वैश्विक भारतीय अपनी जड़ों से जुड़े रहने की भावना और अपने मूल से गहराई से जुडऩे की लालसा रखते हैं। इसी सोच को अपनाते हुए, विदेश मंत्रालय (रूश्व्र) ने ‘प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस’ नामक एक क्रांतिकारी सेवा शुरू की है। यह केवल एक ट्रेन नहीं है, बल्कि भारतीय प्रवासी और उनके मूल भारत के बीच के रिश्ते का प्रतीक है। यह 15 दिनों का असाधारण यात्रा कार्यक्रम है जिसे भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन पर आयोजित किया गया है। यह भारत की आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अनूठा प्रदर्शन है।
चलती हुई महलनुमा ट्रेन
‘भारत गौरव डीलक्स एसी टूरिस्ट ट्रेन’ भारतीय रेलवे द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्वश्रेष्ठ ट्रेन है। इसमें 14 शानदार डिब्बे हैं, जो आधुनिक आराम और पारंपरिक भारतीय यात्रा के अनुभव का मेल प्रस्तुत करते हैं। पहले एसी के चार डिब्बे विशेष और आरामदायक सुविधाएं प्रदान करते हैं। दूसरे एसी के दो डिब्बे शांत और सुसज्जित आवास प्रदान करते हैं। तीसरे एसी के तीन डिब्बे किफायती और आरामदायक यात्रा का अनुभव देते हैं। इस ट्रेन में दो भव्य भोजनालय भी हैं, जहां प्रतिभागी विभिन्न प्रकार के व्यंजन का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा, ट्रेन में उच्च गुणवत्ता वाले भोजन तैयार करने के लिए एक अद्वितीय रसोईघर और यात्रा के दौरान बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर कारें भी हैं।
प्रारंभिक यात्रा
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की पहली यात्रा 9 जनवरी 2025 को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, दिल्ली से शुरू होगी। इस विशेष यात्रा में 27 देशों से आए 150 प्रतिभागी शामिल होंगे। दिल्ली में आने वाले दिन प्रतिभागी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों जैसे लाल किला, कुतुब मीनार, और अन्य सांस्कृतिक और वाणिज्यिक स्थलों का दौरा करेंगे।
प्रमुख पहल
‘प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस’ एक यात्रा मात्र नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, विरासत और आत्मा का उत्सव है। यह परियोजना विदेश मंत्रालय और आईआरसीटीसी के सहयोग से भारत के प्रवासी समुदाय को उनके मूल से फिर से जोडऩे के लिए शुरू की गई है।
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस की अवधारणा
इस परियोजना की आत्मा, विदेश मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए ‘स्पेशल नो इंडिया प्रोग्राम’ और ‘प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना’ के पीछे के उद्देश्य की एक सटीक अभिव्यक्ति है। इसका लक्ष्य यह है कि विदेशी भारतीयों को अपने देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक पहचान को फिर से महसूस करने का एक अनूठा अवसर प्रदान किया जाए। यह एक साधारण यात्रा नहीं है, बल्कि एक भावनात्मक पहल है जो वैश्विक भारतीयों को उनके पूर्वजों के पदचिह्नों पर चलने, भारत की प्राचीन धडक़नों को महसूस करने और समय के साथ आए परिवर्तनों को अपनी आंखों से देखने का मौका देती है। इस परियोजना के तहत, विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए मानदंडों के आधार पर विभिन्न देशों से प्रतिभागियों का चयन किया जाता है। प्रत्येक समूह में 40 प्रतिभागी शामिल होते हैं और उन्हें यह अद्भुत यात्रा कराई जाती है। इस पहल को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए, एक डीलक्स एसी पर्यटक ट्रेन ‘भारत गौरव टूरिस्ट ट्रेन’ तैयार की गई है, जो इस अनूठी यात्रा के लिए समर्पित है।
अनूठा यात्रा कार्यक्रम
यह यात्रा छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को कवर करते हुए भारत के सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का अनुभव प्रदान करेगी। प्रमुख गंतव्यों में शामिल हैं-
दिल्ली – राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट और लोटस टेम्पल का दौरा।
अयोध्या – श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी और सरयू आरती।
वाराणसी – काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा आरती और सारनाथ।
पटना – बुद्ध स्मृति पार्क और पटनासाहिब गुरुद्वारा।
बोधगया – महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर।
चेन्नई और महाबलीपुरम – प्राचीन द्रविड़ वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण।
रामेश्वरम – रामनाथस्वामी मंदिर।
मदुरै – मीनाक्षी अम्मन मंदिर।
कोच्चि – फोर्ट कोच्चि और चीनी मछली जाल।
गोवा – विश्व धरोहर स्थल, बासिलिका ऑफ बॉम जीसस।
केवडिय़ा – ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’।
अजमेर और पुष्कर – दरगाह शरीफ और पुष्कर झील।
आगरा – विश्व प्रसिद्ध ताजमहल।
विरासत की यात्रा : प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस
