रायगढ़। नगर पंचायतों में अध्यक्षों के लिए मंगलवार को आरक्षण किया गया। जिले में व्यापक फेरबदल हुआ है।घरघोड़ा को अनारक्षित यानि सामान्य मुक्त रखा गया है।
आरक्षण तय होने के साथ ही अब दावेदार सामने आएंगे। इधर मतदाता सूची में नाम जोडऩे की मियाद सोमवार को खत्म हुई। अब 15 जनवरी के आसपास मतदाता सूची फाइनल होगी और इसके दो दिन के भीतर आचार संहिता लगने की संभावना है। यदि अब आचार संहिता लगाने में देर की गई तो चुनाव जून तक टल सकते हैं। पिछले निकाय चुनाव के वक्त प्रदेश में सत्ता कांग्रेस की थी, अब भाजपा काबिज है। ट्रिपल इंजन की सरकार की नारेबाजी कर घरघोड़ा भाजपा निकाय में कब्जा करने की कोशिश करेगी। वहीं कांग्रेस की स्थिति बहुत खराब नहीं है। धर्मजयगड़ विधानसभा सीट भी कांग्रेस के पास हैं और रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया भी घरघोड़ा से हैं इसलिए दोनों पार्टी निकाय चुनाव को हलके से नहीं लेगी। जाहिर सी बात है पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र चौधरी और कांग्रेस अपना कब्जा बरकरार रखना चाहेगी। 2019 में हुए निकाय चुनाव में नगर पंचायत की अध्यक्ष सीट व्ठब् के लिए आरक्षित था । चुनाव अप्रत्यक्ष हुए थे कांग्रेसी पार्षदों के क्रॉस वोटिंग की वजह से कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी थी इस बार प्रत्यक्ष चुनाव होंगे। इस बार आरक्षण सामान्य रखा गया है यानि महिला या पुरुष कोई भी चुनाव लड़ सकता है। संभावित दावेदारों की बात करें तो इस बार कांग्रेस-बीजेपी में दावेदार ज्यादा होंगे।
17 तक आचार संहिता लगने की चर्चा
जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी को मतदाता सूची फाइनल होगी। सूची राज्य निर्वाचन को भेजी जाएगी।बताया जा रहा है कि इसके दो दिन के भीतर निकाय चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। 2019 में हुए 25 दिनों की आचार संहिता लगी थी। इस बार भी आसार हैं कि 25 दिनों की आचार संहिता में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे प्रशासन के अफसर कहते हैं कि लेटलतीफी के कारण जनवरी के तीसरे हफ्ते तक आचार संहिता नहीं लगी तो चुनाव टालने पड़ सकते हैं। बोर्ड और घरेलू परीक्षाओं के कारण या तो चुनाव टलेंगे या परीक्षाएं टाली जाएंगी। नए प्रावधानों के मुताबिक इसमें 6 महीने से ज्यादा की देर नहीं की जा सकती है। यदि परीक्षा के कारण चुनाव टले तो फिर जून के आखिर में चुनाव कराने ही होंगे।
घरघोड़ा नगर पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण के बाद दावेदारी हुई तेज
फरवरी के मध्य तक पूरा हो सकता है चुनाव
