धरमजयगढ़। जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान समय में हाथियों की संख्या लगातार घट बढ़ रही है। इस सिलसिले में सरहदी इलाकों से गजराजों की आवाजाही बरकरार है। इस आमदरफ्त को लेकर क्षेत्र में एक चोटिल हाथी भी पहुंचा है। कुछ समय पहले कोरबा वन मंडल क्षेत्र में इस घायल हाथी का उपचार वन विभाग द्वारा किया गया था। जिसके बाद अब वह हाथी धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज के बेहरामार इलाके में विचरण कर रहा है। चूंकि करीब 35 वर्षीय इस हाथी के दांत नहीं हैं और ऐसे हाथी को मकना हाथी कहा जाता है।
उधर, रुपुंगा इलाके में घूम रहे 26 हाथियों के दल ने वन विभाग द्वारा किए गए प्लांटेशन कार्य को नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद यह दल कोरबा वन मंडल की ओर चला गया है। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक 26 हाथियों के समूह के मूवमेंट के दौरान रुपुंगा फारेस्ट एरिया के 465 पीएफ में विभाग द्वारा रोपित फलदार पौधों सहित फेंसिंग पोल और वहां पर स्थित झोपड़ी को भी क्षति पहुंचाया है।
छाल वन परिक्षेत्र अंतर्गत बेहरामार इलाके के जंगल में घूम रहे घायल हाथी की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। इसके अलावा अन्य हाथी प्रभावित इलाकों में सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने हेतु सभी विभागीय उपाय अपनाए जा रहे हैं। मंगलवार को जारी विभागीय रिपोर्ट के अनुसार धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत सिर्फ 17 हाथियों की मौजूदगी दर्ज की गई है, इनमें एक भी हाथी शावक शामिल नहीं है।
हाथी की विशेष देखरेख जारी- रेंजर छाल
इस मामले पर छाल रेंज के नवपदस्थ प्रभारी रेंजर चंद्रविजय सिदार ने बताया कि यह हाथी कुछ दिनों पहले ही कोरबा वन मंडल क्षेत्र से इस इलाके में आया है। उन्होंने बताया कि कोरबा में इलाज के बाद इस हाथी की सेहत में काफी सुधार हुआ है। अधिकारी ने बताया कि मकना हाथी की मॉनिटरिंग लगातार जारी है और चिकित्सकों के मार्गदर्शन में उसका उपचार भी किया जा रहा है। रेंजर ने कहा कि हाथी को गुड़ के साथ मेडिसिन दिया जा रहा है।
देर शाम फारेस्ट डिपो के पास पहुंचे हाथी
रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत हाथियों का रिहायशी इलाकों में पहुंचना जारी है। हालात कुछ ऐसे हैं कि हाथी दिनदहाड़े आबादी इलाकों में विचरण कर रहे हैं। अक्सर हाथियों के बस्ती के पास आने की घटना सामने आती रहती हैं। मंगलवार को धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत एक ऐसा ही वाकया सामने आया जब दो वयस्क हाथी नगर क्षेत्र में स्थित फारेस्ट डिपो के पास आ गए। इस मामले की सूचना मिलते ही हाथी मित्र दल की टीम वहां पहुंची और राहगीरों को सुरक्षित पार कराया। इस दौरान दोनों हाथी काफी समय तक वहां रुके रहे। जिसकी मॉनिटरिंग लगातार जारी रही। इन दोनों गजराजों के मूवमेंट को लेकर आसपास के ग्रामीणों को अलर्ट किया गया है। देर शाम तक स्थानीय एलिफेंट फ्रेंडली स्क्वायड द्वारा ड्रोन से इन हाथियों की निगरानी की गई।
बेहरामार इलाके में पहुंचा चोटिल मकना हाथी, देखरेख जारी
उधर 26 गजराजों के मूवमेंट से फलदार पौधों को नुकसान
