रायगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक कार्यक्रम में तलईपल्ली कोयला खदान से एनटीपीसी लारा तक एमजीआर (मेरी-गो-राउंड) प्रणाली राष्ट्र को समर्पित की। 65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर प्रणाली एनटीपीसी लारा से कम लागत और विश्वसनीय बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी। 2071 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली का उपयोग एनटीपीसी की तलईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1600 (2&800) मेगावाट एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत और उच्च ग्रेड कोयले की डिलीवरी के लिए किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित परियोजना हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलवे लाइन से भी जुड़ी होगी, जिसका उपयोग देश के अन्य हिस्सों में कोयले के परिवहन के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, मौजूदा परिवहन प्रणाली जो दैनिक आधार पर 20,000 टन कोयला पहुंचा रही है, अपनी पूरी क्षमता पर 8 एमएमटीपीए कोयला परिवहन तक पहुंच जाएगी। एमजीआर प्रणाली कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में आधुनिक तकनीकों का प्रमाण होगी। कोटारलिया में मौजूदा रेलवे लाइन पर 61 मीटर के गर्डर ब्रिज के साथ, नवीनतम एमजीआर प्रणाली में ट्रैक के साथ कई स्थानों पर जानवरों को पार करने का भी प्रावधान होगा। एमजीआर प्रणाली अपने पूरे विस्तार में 200 से अधिक पुलों और पुलियों का भी दावा करती है। इस अवसर पर टी एस सिंह देव, उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ सरकार, श्रीमती की उपस्थिति रही। रेणुका सिंह सरुता, केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री, श्रीमती गोमती साय, संसद सदस्य (लोकसभा), रायगढ़, नारायण चंदेल, विपक्ष के नेता, छत्तीसगढ़ विधानसभा के साथ-साथ अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।