रायगढ़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले अरुणधर दीवान आज जिला भाजपा के अध्यक्ष बनाए गए हैं। श्री दीवान को यह पद उनके कुशल संगठनकर्ता, मिलनसार, सदैव अपने दायित्व को कुशलता पूर्वक निर्वहन करने का प्रतिफल मिला है। जिला भाजपा के आम कार्यकर्ता के साथ-साथ पदाधिकारियों में भी इस बात की खुशी है कि उनके बीच से ही निकले आम कार्यकर्ता के सिर जिला भाजपा की कमान सौंपी गई है।
जिला भाजपा अध्यक्ष पद पर अरुण धर दीवान की ताजपोशी भाजपा संगठन में निष्ठा परिश्रम ने नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। भाजपा के सियासत बिशात में मेहनत के बलबूते अरूण धर दीवान ने यह साबित किया यदि लगातार एक प्यादा भी अपनी भूमिका का निर्वहन करता रहे तो वह सियासत में ऐसा ताकतवर वजीर बन सकता है जो हारी हुई बाजी को जीत में बदल सकता है।
छात्र राजनीति से अपने जीवन की शुरुआत करने वाले घरघोड़ा निवासी अरुण धर दीवान का जन्म पैतृक ग्राम रायगढ़ के बैकुंठपुर मोहल्ला में हुआ। स्वर्गीय पिता स्व. देवेन्द्र कुमार दुबे नौकरी के लिए रायगढ़ से घरघोड़ा आ गए थे इसलिए अरुण धर दीवान की बाल्यकाल की प्रारंभिक शिक्षा घरघोड़ा में हुई। रायगढ़ में कॉलेज की शिक्षा के दिनों में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सम्पर्क में आए और यही से उनके राजनीतिक जीवन के सफर की शुरुआत हुई। उनके राजनैतिक जीवन के सफर की चर्चा करे तो वर्ष 1993-1995 के दौरान अरूण धर दीवान को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को घरघोड़ा ईकाई का अध्यक्ष बनाया गया। इस दौरान छात्रों की मांगों के लिए धरने आंदोलन की लंबी फेहरिस्त है।
छात्र राजनीति से पार्टी के प्रति रहे निष्ठावान
वर्ष 1995 से 1997 तक अरुण धर दीवान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनाए गए। वर्ष 1997 से 1999 तक वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक पद के दायित्व पर रहे। जिला संयोजक के पद कर कार्य करते हुए अरुण धर दीवान ने रायगढ़ खरसिया, धर्मजयगढ़, लैलूंगा सारंगढ़ में छात्र राजनीति की शुरूआत की और कांग्रेस सरकार के सशक्त विरोध से इन सभी विधान सभा में युवाओ को अपनी और जोडऩा शुरू किया। और कठोर परिश्रम से 86 स्थानों में विद्यार्थी परिषद का काम पहुंचा। इस दौरान अरुण धर दीवान ने विवेकानंद जयंती पर युवा महोत्सव की शुरुआत की थी जो ढाई दशक बाद यह महोत्सव आज भी जारी है।
कई पदों पर निभाई महत्वपूण जिम्मेदारी
वर्ष 2000 में उनको रायगढ़ जशपुर जिले का विभाग प्रमुख बनाया गया। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद के उनके कार्यों को देखते हुए उनको अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश महामंत्री बनाया गया। अरुण धर दीवान रायगढ़ जिले से इकलौते ऐसे छात्र नेता रहे जिनके बेहतर कार्यों की वजह से एबीवीपी ने प्रदेश महामंत्री का दायित्व सौंपा। यह बहुत बड़ी उपलब्धि रही।
इनके प्रदेश महामंत्री कार्यकाल में हुए छात्र संघ चुनाव में विद्यार्थी परिषद ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी इस बीच छग का गठन के बाद पहले विधान सभा चुनाव 2003 के पूर्व इन्होंने भाजपा की विधिवत सदस्यता ग्रहण की और भाजपा में डॉ रमन सिंह की सरकार बनी तो पहली बार रायगढ़,धर्मजयगढ़,लैलूंगा में भाजपा के विधायक चुने गए। एक दशक तक अरुण धर दीवान के कांग्रेस के सशक्त विरोध और युवाओं की फौज खड़ा करने के कारण का जिला भाजपा संगठन रायगढ़ में हावी गुटीय राजनीति के दौरान भी अरुण धर दीवान जैसे कर्मठ योग कार्यकर्ता की अनदेखी नहीं कर पाया। अरुण धर दीवान की मेहनत योग्यता के कारण 2004 में सीधे भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी फिर वर्ष 2008 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य ,जशपुर जिला प्रभारी ,सरगुजा जिला प्रभारी एवं भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख जिम्मेदारी ,वर्ष 2016 में जिला भाजपा के उपाध्यक्ष उसके बाद 2019 से जिला महामंत्री पर अरुण की ताजपोशी रही। जिस दौरान अपने विशिष्ट कार्यशैली से उन्होंने अपना अलग पहचान बनाया। डॉ जवाहर नायक और उमेश अग्रवाल जी कार्यकाल में वह मुख्य सेनापति की भूमिका में नजर आए। विपक्ष के दौरान ओ पी चौधरी जी के नेतृत्व में सडक़ समस्या को लेकर निकले परिवर्तन शंखनाद पदयात्रा इन्ही के संयोजन में हुआ था। वही धर्मजयगढ़ विधानसभा में पूर्व विधायक ओम प्रकाश राठिया एवं पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष राजेश शर्मा के निधन के बाद भाजपा नेतृत्व विहीन हो गई। और गुटीय राजनीति की वजह से धर्मजयगढ़ विधान सभा कांग्रेस का अभेदगढ़ बनती गई। अरुण धर दीवान ने इस विधान सभा के संयोजक बनाए गए उनके करिश्माई नेतृत्व का नतीजा रहा कि भाजपा की गुटबाजी को खत्म किया और कांग्रेस को अपने ही किले में जीत के लिए एडी चोटी का जोर लगाना पड़ा। चालीस हजार वोटो से जितने वाली कांग्रेस बड़ी मुश्किल साढ़े नौ हजार से कम मतों से जीत पाई। अरुण धर दीवान की ठोस रणनीति की वजह से 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा को इस विधान सभा से 22 हजार की अच्छी खासी बढ़त मिल पाई। इनकी संगठन क्षमता और कुशल प्रबंधन शैली के कारण ही पार्टी ने विगत झारखंड चुनाव में इनको बरही विधानसभा की जिम्मेदारी दी जिसे दीवान ने 2009 के बाद 50000 मतों से जीता कर अपना लोहा प्रदेश नेतृत्व को मनाया इन्हीं सब कारणों से प्रदेश भाजपा ने इनको जिला भाजपा की नेतृत्व प्रदान किया है।