धरमजयगढ़। जिले के घरघोडा विकास खण्ड में नाबार्ड द्वारा लाख एवं मिलेट परियोजना संचालित की जा रही है। किसानों को सरकार के द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं एवं उसके लाभ को आम जन तक पहुंचाने का कार्य जनमित्रम् कल्याण समिति कर रही है। जिसके लिए समय समय पर किसानों को आवश्यकता अनुसार प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है एवं किसानों उच गुणवक्ता वाली बीज उपलब्ध कराई जाती है। इस वर्ष में फसल उत्पादन बहुत अच्छा हुआ है। जिससे क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर चमक दिखाई देती है।
भागीरथी राठिया के द्वारा, जो घरघोडा विकास खण्ड में कृषि विभाग में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी हैं और नवापारा टेन्डा क्षेत्र में कार्यरत हैं, क्षेत्र का भ्रमण किया गया। जहां यह भी बताना लाजिमी होगा की गत वर्ष सरकार के द्वारा जिले को बेस्ट मिलेट खेती उत्पादन हेतु पुरुस्कृत किया गया था। भागीरथी राठिया कहते हैं कि किसान भारत की रीढ़ है और हमें उन्हें सहयोग करना चाहिए। देश में किसान ही है जो सबसे कम संसाधनों पर खेती कर देश के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय अनुसार किसानों की आय में वृद्धि हेतु बजार के मांग अनुसार खेती करें तो लाभ अवश्य होगा।
श्री अन्न के नाम से हो रही पैकेजिंग
इसी कड़ी में आज राठिया के द्वारा ग्राम टेन्डा बस्ती पाली सारढाप क्षेत्र भ्रमण किया। जहां नाबार्ड द्वारा लाख एवं मिलेट परियोजना संचालित है। इस क्षेत्र में मिलेट फसल को किसानों के द्वारा फसल बजार रायगढ़ को समर्थन मूल्य पर बेचा जा रहा है। वहीं, कृषि प्रभा एग्रोबीज कोआपरेटिव लिमिटेड, एफपीओ कृषि उत्पादक संघ घरघोड़ा के माध्यम श्री अन्न के नाम से पैकेजिंग कर बिक्री किया जा रहा है। जो पूरे क्षेत्र में अलग पहचान बना रहा है। इस इलाके के किसानों से बैठक कर बात की गई। इस दौरान उपस्थित किसानों ने बताया कि गांव में मिलेट खेती से सभी किसानों को अतिरिक्त लाभ मिला है।
जनमित्रम् कल्याण समिति की मुख्य भूमिका
इस संबंध में रायगढ़ के जन मित्रम कल्याण समिति ने बताया कि इस क्षेत्र में किसानों के सहयोग हेतु नाबार्ड द्वारा निर्धारित परियोजना में किसानों को मुफ्त में कोदो, कुटकी तिल, खाद वितरित किया गया है। जिनके किसानों को अधिक उत्पादन एवं रोग से फसलों बचाने के लिए उनके लिए हमेशा तत्पर और जमीनी स्तर पर सक्रिय रहते है। इस आयोजन के दौरान लाख परियोजना की ओर से कृपाल सिंह सिदार, संतोष कुमार वी सी, लाख संगवारी रामेश्वरम, समयाल तकेस, रामायण का विशेष सहयोग रहा।