रायगढ़। जिले में एक सरकारी शिक्षक के खिलाफ गांव के ग्रामीणों ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार की दोपहर जिला मुख्यालय पहुंचकर ग्रामीणों ने शिक्षक के द्वारा ग्रामीणों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देने की शिकायत की है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिला मुख्यालय से महज 7 किलोमीटर की दूरी में स्थित ग्राम आमापाली गांव के सैकड़ो ग्रामीणों ने आज जूटमिल थाना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपते हुए गांव के एक शिक्षक जयप्रकाश पटेल उर्फ पन्ना गुरूजी के द्वारा गांव के ग्रामीणों के साथ दुव्र्यवहार करने के अलावा झुठे केस में फंसाने की धमकी देने की शिकायत की है। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जयप्रकाश पटेल द्वारा हमारे गांव आमापाली के शासकीय भूमि एवं लोकशक्ति तालाब खसरा नं. 105 लगभग 2 एकड़ को अवैध रूप से कब्जा किया है। ग्राम पंचायत आमापाली के समस्त पंच, सरपंच, कोटवार एवं समस्त ग्रामवासियों ने अवैध कब्जा को रोके जाने पर जयप्रकाश पटेल द्वारा अपने धन और पद का रौब दिखाकर धमकी व गाली देते हुए कहा गया कि जो भी सामने आएगा उसकों नहीं छोडूंगा और फँसा दूंगा।
पांच लोगों के खिलाफ झूठी शिकायत
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि जयप्रकाश पटेल ने गांव के युवाओं एवं शासकीय कर्मचारियों को भी फँसाने की धमकी दी गई। साथ ही साथ वह अपने भाई ओमप्रकाश पटेल और मामा फतेचंद्र पटेल को साथ लाकर कुछ व्यक्तियों को जान से मारने की भी धमकी दी गई है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जयप्रकाश पटेल के द्वारा गांव के ललित गुप्ता, सुरेश गुप्ता, संतोष गुप्ता, जितेन्द्र गुप्ता के अलावा मनोज गुप्ता के खिलाफ जूटमिल थाने में झूठा केस भी दर्ज कराया गया है जिसके विरोध में आज पूरा गांव थाना पहुंचकर पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई है।
जनदर्शन में कर चुके हैं शिकायत
आमापाली गांव के ग्रामीणों ने पिछले दिनों 11 दिसंबर को शासकीय भूमि लगभग दो एकड़ जिसके अंदर लोकशक्ति तालाब भी है, उस पर जयप्रकाश पटेल उर्फ पन्ना गुरूजी निवासी डूमरपाली तहसील पुसौर के द्वारा अवैध कब्जा करने की शिकायत की गई थी। ग्रामीणों ने कहा था कि शिक्षक के पैतृक गांव में स्वयं का मकान और कृषिभूमि होनें के बाद भी उनके द्वारा अवैध कब्जा कर अपना व्यावसायिक केंद्र बना लिया गया है। जिसे हटाने हेतु समस्त ग्रामवासी आमापाली एवं ग्राम पंचायत आमापाली के द्वारा प्रस्ताव पारित कर आवेदन पुसौर तहसीलदार को शिकायत किए जाने के बावजूद किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने पर वे कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अवैध कब्जे को हटाने की मांग कर चुके हैं।