रायगढ़। रायगढ़ देव संस्कृती विश्व विद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार से पोस्ट ग्रेजुएशन इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत रायगढ़ आये 3 छात्राओं ने 24 दिवसीय दौरे के अंतर्गत ब्लॉक स्तर में उन्होंने समाज सेवा,जीवन जीने की कला, थेरेपी, योगा, लेक्चरर, मोटिवेशनल, के साथ दीप यज्ञ,हवन,काम,कर्मकांड,संस्कार आदि अपने ज्ञान के प्रकाश से क्षेत्रवासियों को लाभान्वित किया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय में 22 से अधिक राज्यों के लगभग 822 विद्यार्थी विभिन्न विषयों के अंतर्गत शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जिनमें उत्तर प्रदेश के 351, उत्तराखंड के 100, मध्य प्रदेश के 96 बिहार के 84, छत्तीसगढ़ के 63, राजस्थान के 34 झारखंड के 29 दिल्ली के 11 हरियाणा के 9, हिमाचल प्रदेश के 6, उड़ीसा के 5, पंजाब के 5, गुजरात के 5, आंध्रप्रदेश के 4, महाराष्ट्र के 4, जम्मू एवं कश्मीर के 2, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल के क्रमशरू एक-एक और अन्य राज्यों के 11 विद्यार्थी शामिल हैं। इस वर्ष देव संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रा अंशिका त्यागी (उत्तर प्रदेश) तनु (हरियाणा) तनवी (हरियाणा) 8 देव संस्कृति विश्वविद्यालय गायत्री शांतिकुंज हरिद्वार मे सात्तकोतर मानव चेतना एवं योग विज्ञान में अध्ययनरत पोस्ट ग्रेजुएशन इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत रायगढ़ आये 3 छात्राओं ने 24 दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत ब्लॉक स्तर में उन्होंने समाज सेवा,जीवन जीने की कला, थेरेपी, योगा, लेक्चरर, मोटिवेशनल, के साथ दीप यज्ञ, हवन,काम, कर्मकांड, संस्कार आदि कार्य रायगढ़, तमनार, घरघोड़ा, धरमजयगढ़, लैलूंगा, सोंडका, सरवानी और कई स्थानों में किया। जहां लोग उनके सरल सादगी और ज्ञान से अत्यधिक प्रभावित हुए,स्कुल कालेज ट्रेनिंग सेंटर के साथ गाँव के गलियों में भी उन्होंने माँ गायत्री के तेजस प्रताप,गायत्री मंत्र की महत्ता,और उससे होने वाले लाभ के सम्बंध में विस्तार से बताया लोगो ने अपने जीवन के दिनचर्या में उन समस्त विचारों को लाने का संकल्प लिया। शांतिकुंज से आई तनु ने बताया कि ग्रहस्थ आश्रम मैं रहकर भी आप इन कार्यों को कर सकते हैं क्योंकि यह सब मानव सेवा का हिस्सा है हमने गुरु से दीक्षा लेते समय दक्षिणा के रूप में इन सेवा कर्मो को करते हुए उद्देश्य की प्राप्ति करेंगे वही गुरु दक्षिणा समर्पित होगा कहा है। यहां का अनुभव बहुत अच्छा रहा हमने ग्राउंड लेवल पर कार्य किया तो पता चला कि इस चाक चौबंद समाज से अलग भी समाज है जिसमें जन जागरूकता लाने के साधन उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार रायगढ़ जिला और देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार के प्रोफेसर कामता प्रसाद साहू बैसपाली का स्नेह सहयोग कभी नही भूल पायेंगे।