रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के 450 से अधिक मंडलों में चुनाव चल रहे हैं। कुछ जगहों पर अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर बवाल भी हुआ। बीजेपी के कार्यकर्ता अपने ही बड़े नेताओं से भिड़ गए। अब भाजपा ने रायपुर समेत 3 जगहों पर मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति ही रद्द कर दी है। मंडल चुनाव के दौरान कई जगह विधायकों पर अपने लोगों को तरजीह देने और कार्यकर्ताओं का अपमान करने का आरोप लगा। अब डिप्टी सीएम अरुण साव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरणदेव ने कहा कि, जहां भी विवाद हुआ है, उसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। 30 तारीख तक का समय है, तय समय पर घोषणा भी कर देंगे। रायपुर- माना मंडल अध्यक्ष के चुनाव के दौरान बीजेपी प्रदेश कार्यालय में हंगामा हुआ था। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि, कांग्रेस से भाजपा में आने वाले भीमवंत निषाद को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है। गरियाबंद- झाखरपारा में उमाशंकर को मंडल अध्यक्ष बनाया, फिर भगवानों बेहेरा का नाम घोषित कर दिया गया। इस पर बवाल हुआ। फिंगेश्वर में भी वरिष्ठ नेता भगवत हरित की बहू मंजुलता हरित को मंडल अध्यक्ष बनाया गया। नाम का ऐलान होते ही हंगामा हो गया। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- मरवाही दक्षिण मंडल में बवाल हुआ। यहां हेमचंद मराबी को मंडल अध्यक्ष चुनने पर बाकी दावेदारों को नकारने का आरोप लगा है।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि, करीब 477 मंडल हैं। सभी की बैठक लेकर चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई। चुनाव पार्टी के अनुशासन के अनुरूप ही हुआ है। कुछ जगह पर छोटी-मोटी घटना हुई है। घटना को संगठन ने गंभीरता से लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरणदेव ने कहा कि, स्वाभाविक रूप से दो-तीन जगहों पर कहीं ना कहीं ऐसी प्रॉब्लम आती है। बड़ा परिवार है, लेकिन एक चीज मैं बता दूं, हमारे संगठन में बैठकर समन्वय स्थापित किया जाएगा। जो अच्छा होगा, जो पार्टी के हित में होगा, जो कार्यकर्ता के हित में होगा वह निर्णय तुरंत ले लिया जाएगा। कहीं छोटी-मोटी बातें आती हैं, तो उसे सॉल्व भी 24 घंटे के भीतर कर लिया जाता है।
कांग्रेस के बयानों पर किरणदेव ने कहा कि, उनसे पूछिए संगठन चुनाव कराए हैं क्या? हर मुद्दे पर टीका टिप्पणी करना जरूरी नहीं है, जिस मुद्दे पर कोई लेना देना नहीं है। आपने कभी इस तरीके से संगठनात्मक गतिविधि नहीं की। हमारे परिवार में जो बात आई है, उसे ठीक करना हमारा काम है, हम कर लेंगे। किरणदेव ने कहा कि, हमें 30 तारीख तक मंडल और जिला अध्यक्षों की घोषणा करनी है, वो निश्चित समय अवधि में हो जाएगा। मेरा दायित्व है कि सभी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान दूं। चाहे वह रात को 2 बजे आए मैं प्रयास करता हूं उनकी बात को सुनता हूं। निगम मंडल चुनाव को लेकर किरणदेव ने कहा कि, प्रदेश के पदाधिकारी या प्रदेश अध्यक्ष का उसमें इंवॉल्वमेंट नहीं है। हमारा नीचे से जो फीडबैक आता है, उस पर काम होता है। हमारी परंपरा है कि जिले में बैठकर मंडल के अध्यक्षों से मंडल के लोगों से बात करना, जो सर्वाधिक उपयुक्त हो पार्टी की दृष्टि से वह नाम आते हैं और उनकी घोषणा होती है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि, भाजपा में गुटबाजी के कारण मंडल चुनावों में कार्यकर्ताओं में जूतम-पैजार मचा हुआ है। बस्तर से लेकर राजधानी तक कार्यकर्ता एक दूसरे के कपड़े फाड़ रहे हैं। भाजपा का संगठन चुनाव महज दिखावा है। भाजपा की अनुशासन का ढोल फट गया। भाजपा में लोकतंत्र नाम की चीज नहीं है। लिफाफा तंत्र हावी है। मंडल अध्यक्ष बनने बोली लग रही है। भाजपा आदतन लोकतंत्र विरोधी है। यहां कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी जाती है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मनमानी चलती है और भाजपा कार्यकर्ता मुखदर्शक बने बैठे रहते हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष चुनाव में गरियाबंद, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव सहित पूरे प्रदेश से कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। भाजपा में ना कार्यकर्ताओं की सुनी जाती है ना उनसे पूछी जाती है तानाशाही चलता है।
विवादों के घेरे में बीजेपी मंडल अध्यक्ष की नियुक्तियां
पार्टी और कार्यकर्ताओं के हित में लेंगे निर्णय : किरण देव, 30 दिसंबर तक हो जाएगी घोषणा, बवाल के बाद 3 जगह मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द
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