धरमजयगढ़। विकास से कोसो दूर धरमजयगढ़ क्षेत्र के ऐसे ग्राम जो आज भी बिना बिजली पानी सडक़ के पाषाण युग की तरह है। हम बात कर रहें धरमजयगढ़ क्षेत्र के कंचिरा पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम कौहाजोबा और तेंदूडांड़ की। जहाँ करीब 40 से 50 परिवार निवासरत हैं और यहाँ के लोग जैसे तैसे खेतीबाड़ी कर वनोपज पर निर्भर हैं। ऐसे में यहाँ के हालात खुद बयाँ कर रहे हैं कि यहाँ विकास नाम की पटरी किस स्तर तक पहुंची है। यहां के निवासी जंगल के बीच जान हथेली में लेकर नाला पार कर रोजाना दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए आने जाने को मजबूर हैं। बिजली किसे कहते हैं मानो यहाँ के लोगों को पता ही नही है। यहां के ग्रामीण मानो एक सदी से अंधेरे में हैं और झरिया का पानी पीकर जीवन जी रहे हैं। यह इलाका तमाम बुनियादी सुविधाओं से बिल्कुल परे है। जब यहाँ बिजली पानी सडक़ ही नही है तो फिर शिक्षा स्वास्थ्य की बात ही क्या करें। ऐसे में कहा जा सकता है कि यहाँ के लोग आज भी आदि काल की तरह जीवन जीने को मजबूर हैं। हालांकि यहाँ आवाजाही के मद्देनजर मिट्टी मुरुम सडक़ जरूर बनवाया गया है लेकिन वह भी नाम मात्र के लिए है। कुलमिलाकर यहां के ग्रामीण जनप्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासन व सरकार की अनदेखी का दंश झेल रहे हैं।