रायगढ़। मां मंगला और शाकम्बरी स्टील लंबे समय से उद्योगों में कैमिकल युक्त जहरीला पानी केलो नदी में छोड़ रहे हैं। उद्योग न सिर्फ आबो हवा को जहरीला बना रहे हैं बल्कि प्राकृतिक जल नदी को भी प्रदूषित करने में पीछे नहीं हैं। पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने ऐसे सभी उद्योगों को चिन्हांकित कर कार्रवाई की मांग की है।
पर्यावरण मित्र व समाजसेवी बजरंग अग्रवाल ने बताया कि मां मंगला और शाकम्बरी स्टील संबलपुरी नाला के माध्यम से उद्योगों का जहरीला पानी छोड़ रहे हैं। जो सीधे केलो नदी में आकर मिल रहा है इससे समूची नदी ही प्रदूषित हो रही है। केलो नदी पर इंटकवेल बनाकर शहरवासियों को पेय जल उपलब्ध कराया जाता है। पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल का कहना है कि हम शहरवासी एक तरह से दूषित पानी का उपयोग कर रहे हैं भले ही फिल्टर प्लांट से पानी शुद्ध कर सप्लाई की जाती है लेकिन औद्योगिक अपशिष्ट का अंश पानी में आ ही जाता है जिसकी वजह से शहरवासी नाना प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
पर्यावरण मित्र के बजरंग अग्रवाल ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसे उद्योगों को चिन्हित किया जाए और उनपर कठोर कार्रवाई की जाए। उद्योगों के अपशिष्ट जहरीला पानी शहरवासियों को और बीमार कर रही है। दरअसल उद्योग लंबे समय से नदी नालों के माध्यम से औद्योगिक अपशिष्ट को बाहर निकालते है। इसकी वजह से पूरी केलो नदी प्रदूषित हो चुकी है।
बजरंग अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण को लेकर एनजीटी के नियम सख्त है किंतु जिले में एनजीटी के आदेश नियम का पालन नहीं होता है। यहां सिर्फ एक उद्योग की बात नहीं है। कई उद्योग कारखानों का अपशिष्ट पदार्थ खुले में निकालते है और किसी न किसी माध्यम से यह केलो नदी में आकर मिलता है। कई उद्योग नालों में तो कोई अन्य माध्यम से कैमिकल युक्त दूषित पानी डिस्चार्ज करते है और यह न सिर्फ मानव जीवन में गहरा प्रभाव डाल रहा है बल्कि प्राकृतिक जल श्रोतों नदी नालों के अस्तित्व पर भी प्रभाव डाल रहा है।
मां मंगला व शाकम्बरी आबो हवा के साथ नदी को भी कर रहे प्रदूषित -बजरंग अग्रवाल
उद्योगों पर प्रदूषित जल छोडऩे नहीं हो रही कार्रवाई, लोगों के घरों तक पहुंच रहा शुद्ध पेयजल के साथ औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ
