रायगढ़। शहर के अंदर मालधक्का-बाजीराव मौदहापारा मोहल्ले के पास सडक़ किनारे झोपड़ीनुमा जर्जर मकानों में रहने वाली बुजुर्ग बेवा महिला सुखदाई महंत व शांति बाई यादव अपने मकान मरम्मत की राशि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते थक गई है। दफ्तरों के चक्कर काटते उनके चप्पल तक घिस गए परंतु सहयोग राशि अभी तक नहीं मिल सकी।
इसके लिए उन महिलाओं ने नगर निगम से लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय का कई बार चक्कर लगाया निगम अधिकारियों के साथ साथ कलेक्टर जनदर्शन में भी गुहार लगाई परंतु वहाँ आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला। वर्तमान में उनके मकानों की हालत ऐसी है कि वह कब ढह जाए और कोई अनहोनी हो जाए यह कहा नहीं जा सकता।
वार्ड क्रमांक 30 के अंतर्गत आने वाले मौदहापारा में रहने वाली सुखदाई महंत व शांति बाई यादव बुजुर्ग व निराशित महिला है पिछले कई वर्षों से यहाँ काबिज दोनों बेवा महिलाओं ने कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन किया है। 75 वर्षीय इन महिलाओं ने अपने आवेदन में जर्जर मकानों के मरम्मत के लिए राशि की मांग की है। कच्चे व झोपड़ीनुमा मकान में रहने वाली सुखदाई व शांति बाई का कहना है कि यहाँ उन्हें विशेष कर बरसात के दिनों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। घरों में पानी भर जाने के कारण रहना भी मुश्किल हो जाता है। पानी भरने की वजह से मकानों की स्थिति काफी जर्जर हो गई है और कभी भी ढहने किसी अनहोनी घटना से इनकार नहीं की जा सकती है।उसी मोहल्ले में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता पवन शास्त्री ने बताया कि दो बार कलेक्टर जनदर्शन में सुखदाई व शांति बाई द्वारा अपने जर्जर मकानों की मरम्मत हेतु आवेदन दिया जा चुका है। कलेक्टर महोदय द्वारा उनके आवेदन पर तहसीलदार रायगढ़ व नगर निगम सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को रिमार्क भी किया गया है। निगम अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा इन दोनों महिलाओं के जर्जर मकानों का निरीक्षण भी किया जा चुका है परंतु अभी तक मरम्मत राशि सम्बंधित आगे की कार्रवाई नहीं की गई है। कलेक्ट्रेट व नगर निगम के चक्कर काटते हुए अब इन दोनों बेवा महिलाओं की उम्मीदें भी समाप्त होती नजर आ रही है। सवाल यह उठता है कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा गरीब जरूरतमंदों को स्वयं का आवास आबंटित करने के नाम पर अटल आवास उपलब्ध कराने को लेकर लगातार जो दावे किये जाते रहे हैं उन दावों का प्रसार आखिर ऐसी जरूरतमंद गरीब व बेवा महिलाओं तक क्यों नही पहुंच पा रहा है। जिला प्रशासन और खासकर रायगढ़ कलेक्टर को इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर संबंधित जरूरतमंदों तक अटल आवास की सुविधा पहुंचाने की जरूरत है।