रायपुर। भाठागांव का नाम बदलने के विरोध में स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बुधवार को स्थानीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा का पुतला फूंका। विधायक मिश्रा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और भाठागांव की जनता से माफी मांगने की मांग की। जिस समय पुतला दहन किया जा रहा था। उस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात थी। जैसे ही लोगों ने पुतला दहन किया। पुलिस ने फायर स्ट्रिंगर से पुतला बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच झूमाझटकी भी हुई।
दरअसल, 16 दिसंबर को रायपुर मेयर इन काउंसिल की बैठक में भाठागांव का नाम बदलकर अरिहंतपुरम करने का प्रस्ताव लाया गया था। यह प्रस्ताव रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा के पत्र के बाद लाया गया था। हालांकि लंबी चर्चा के बाद एमआईसी ने यह एजेंडा रिजेक्ट कर दिया था। भाठागांव का नाम बदलने का प्रस्ताव भेजने की जानकारी जब स्थानीय लोगों को मिली, तो बुधवार को जनप्रतिनिधि, भाठागांव के रहवासियों ने पुरन्दर मिश्रा का पुतला लाया और बैनर लेकर भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। स्थानीय लोगों ने कहा कि, रायपुर के सबसे पुराने गांव में से एक भाठागांव है। लेकिन लगातार यहां की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इससे पहले भी भाठागांव की जमीन को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया था। अब हमारे गांव का नाम बदला जा रहा है।
सोमवार को एमआईसी की बैठक में भाठागांव का नाम बदलकर अरिहंतपुरम करने पर बड़ा बवाल मचा। महापौर एजाज ढेबर के साथ कांग्रेस के सभी एमआईसी सदस्यों ने इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा ने नगर निगम को पत्र लिखकर भाठागांव का नाम बदलकर अरिहंतपुरम करने का निर्देश दिया था। उनके पत्र के आधार पर निगम ने यह प्रस्ताव एमआईसी में लाया गया था। विधायक मिश्रा के पत्र में अरिहंत जैन के कर्मक्षेत्र भाठागांव का नाम उन्हीं के नाम पर करने के निर्देश दिए थे। उनके पत्र के आधार पर निगम ने प्रस्ताव लाया था। इसे स्वीकृत कर राज्य शासन को भेजा जाना है, क्योंकि किसी क्षेत्र या मोहल्ले का नाम बदलने का अधिकार शासन को है। इस प्रस्ताव पर निगम के सदस्यों श्रीकुमार मेनन, ज्ञानेश शर्मा, जितेंद्र अग्रवाल समेत सभी सीनियर एमआईसी सदस्यों ने विरोध किया। उनका कहना है कि भाठागांव शहर का पुराना क्षेत्र है। इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। महापौर एजाज ढेबर ने भी एमआईसी सदस्यों के विरोध को सही ठहराते हुए प्रस्ताव को निरस्त कर दिया था।