रायगढ़। जन्माष्टमी त्यौहार छत्तीसगढ़ ही नही बल्कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से सबसे बड़ा त्यौहार है और यहां की जन्माष्टमी देखने दुरस्त अंचलों से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है लेकिन बदलते वक्त ने शहर के चैड़ी सडक़ों व गलियों को संकरा कर दिया है और कभी टेऊफिक के लिये सक्रिय पुलिस विभाग की टीम सडक़ों पर लगे जाम के लिये गंभीर होती थी लेकिन अब शहर के बाहरी इलाकों में वसूली करते टेऊफिक के जवान इस ओर ध्यान नही देते और ठीक यही बात सावित्री नगर में लगे मीना बाजार में भी दिखती है, जहां पुलिस का कोई सिपाही तो दूर नगर निगम का कोई भी कर्मचारी आसपास नही भटकता। चारो तरफ फैली गंदगी दिन व रात जाम से जद्दोजहद करते लोग यहां की पहचान बन चुकी है। बावजूद इसके प्रशासन ने बकायदा इसके संचालन की अनुमति दे दी है और हाईकोर्ट ने भी कई बिंदुओं का पालन करने के दिशा निर्देश दिये थे पर पैसों के आगे आज वहां टूटते नियमों का देखना तो दूर कार्रवाई के लिये एक लाइन तक नही लिखी जा रही है।
सावित्री नगर स्थित मीना बाजार के आसपास बीते दस दिनों से दिन व रात गाडिय़ों की रेलमपेल व भीड़ से सडक़ जाम की स्थिति के कारण वहां के रहवासी अपने घरों तक समय पर नही पहुंच पा रहे हैं। इतना ही नही चाहे बीमार आदमी हो चाहे कोई इमरजेंसी काम हो उसके लिये भी वहां रास्ता मिलता ही नही है। पहले तो इस मामले को लेकर विरोध भी हुआ था और प्रशासन ने कुछ नियमावली बनाकर मीना बाजार संचालक को अनुमति भी दे दी। स्थानीय पार्षद के साथ कुछ लोगों ने यहां की परेशानी को देखते हुए मामले को हाईकोर्ट तक पहुंचाया। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाये रखने के लिये आदेश दिये लेकिन उन आदेश की खुलेआम उड़ती धज्जियों का उदाहरण मीना बाजार को कहा जाये तो कोई गलत नही होगा। बीते एक माह से इसके संचालक द्वारा कुछ चाटूकारों की टीम के साथ मिलकर बकायदा रोज नियमों को तोड़ा जाता है और इतना ही नही हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए अपनी दुकानदारी जमाने के लिये लगा है। ऐसा नही है कि इसकी जानकारी जिले के अधिकारियों को नही है लेकिन कहते हैं न लक्ष्मी पूजा के बाद चढावा मिल जाने के बाद उसके भक्त को कुछ भी करने की खुली छूट मिल जाती है। यही मीना बाजार संचालक कर रहा है।
चारो तरफ गंदगी व बेजाकब्जा से रास्ता हो गया बंद
मीना बाजार के आसपास तेजी से कुछ लोगों के द्वारा अपनी दुकानदारी जमा दी है। सडक़ पर लगी दुकानदारी बेजा कब्जा का ऐसा उदाहरण है जिसका देखकर नगर निगम प्रशासन ने आंख बंद कर ली है। इतना ही नही चारो तरफ फैली गंदगी, डेंगू, महामारी के साथ-साथ अन्य बीमारियों को खुला आमंत्रण दे रही है। लेकिन यहां भी धृष्टराष्ट्र बने निगम के जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान नही दे रहे हैं। स्थिति यह है कि सावित्री नगर से कालोनियों की तरफ जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है और मीना बाजार के संचालन के समय तो यहां पैदल जाना भी दुभर हो जाता है। इसके लिये भी बकायदा हाईकोर्ट ने दिशा निर्देश दिये थे। पर वो आदेश रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया है।
शहर में घंटों लगता है जाम, टेऊफिक विभाग अपने में मस्त
रायगढ़ शहर की किसी भी सडक़ में आज जाम की स्थिति अगर देखने को मिलती है तो यह कोई नही बात नही हैं चूंकि शहर के चैक-चैराहों से टेऊफिक के जवान नदारद रहते हैं और वे अपने दल-बल के साथ शहर की सीमा से लगे बाहरी इलाकों में बकायदा मुस्तैदी से ग्रामीणों व वाहन चालकों से वसूली करते नजर आते हैं। स्थिति यह रहती है कि शहर के हर चैक-चैराहों में जाम के कारण लोग हलाकान रहते हैं और अपनी रोजी रोटी के लिये जद्दोजहद करते लोग इस जाम के कारण खासा नुकसान भी उठाते हैं। अगर कोई बीमार आदमी अस्पताल पहुंचना चाहे तो भगवान भरोसे ही उसे छोड़ दिया जाता है। ऐसा नही है लगातार हो रहे जाम की जानकारी जिले के पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर या अन्य जिम्मेदार अधिकारी को नही है पर उन्हें अब शायद इस शहर की समस्या से कोई लेना देना नही है। भगवान भरोसे जनता जाम में फंसकर उस वक्त को कोसती है जब वे साफ-सुथरी सडक़ों तथा स्वच्छ शहर के नारों को दीवारों में पड़ती है।
गंदगी और जाम से परेशान जनता, फैल रही है इलाके में बीमारी
सो रहा है प्रशासन, सो रहा नगर निगम, वाह रे नेता
