रायगढ़। जिला मुख्यालय से मात्र 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम संबलपुरी का एक बड़ा इलाका धनाड्य व भू-माफियाओं के लिये अवैध पेड कटाई, अवैध मिट्टी खनन के साथ-साथ अवैध प्लाट कटाई का शानदार अड्डा बन गया है। चूंकि इस इलाके के लोगों को एसडीएम को दी गई लिखित शिकायत के बाद भी न तो अवैध पेड कटाई रूकी है और न ही मिट्टी का अवैध उत्खनन रूका है। स्थिति यह है कि धीरे-धीरे यह हरा-भरा इलाका धन्ना सेठों के लिये मोटी कमाई का जरिया तो बना ही है। साथ ही साथ बेशकीमती पेड़ो की कटाई करके अपने हिसाब से वहां प्लाट काटकर करोडो की कमाई का एक बड़ा जरिया भी बन गया है।
अधिकारिक सूत्रों की माने तो संबलपुरी गांव के दो दर्जन से भी अधिक लोगों ने बीते सप्ताह रायगढ़ एसडीएम सहित जिला कलेक्टर के नाम एक शिकायत पत्र में गांव के आसपास रिटायर्ड फौजी की निजी जमीन के अलावा बिल्डर्स द्वारा खरीदी गई जमीन पर न केवल प्लाट कटाई की जा रही है बल्कि वहां अवैध ढंग से बेशकीमती पेडो की कटाई भी दिन व रात जारी है। इतना ही नही पेडो की कटाई के बाद उस जगह को जेसीबी से समतल करके सबूत मिटाये जा रहे हैं। दिन व रात चल रही इस अवैध पेड कटाई की जानकारी क्षेत्र की सरपंच व पटवारी को भी है, पर कागजातों में पेडो को गायब बताने का कारनामा करने वाले ये लोग अपनी जेबे भरने में लगे हैं। इसलिये बीते कई दिनों से चल रही अवैध मिट्टी खनन तथा अवैध पेड़ कटाई को रोकना तो दूर बल्कि सरपंच व पटवारी क्लीन चिट देकर धन्ना सेठों को बचाने में लगे हैं और जिले के कलेक्टर को भी गुमराह करके इस इलाके की हरियाली को निकलने में जुट गए हैं।
जानकार सूत्रों की मानें तो ग्राम संबलपुरी हाथी प्रभावित इलाका है और इस इलाके में पहले से ही कुछ बड़े भू-माुियाओं द्वारा जमीन खरीदकर प्लाट कटाई करके करोडो रूपये कमा लिये हैं और इस दौरान बड़ी मात्रा में बेशकीमती पेड़ो की कटाई भी हुई थी। इस पूरे मामले की जांच पर पर्दा डालने के लिये रसूखदारों ने अपने नोटों की गड्डियों तथा राजनीतिक पकड़ का सहारा लेकर इसे दबाने का प्रयास किया और अब फिर से अंधाधुंध पेड़ो की कटाई करते हुए इलाके में प्लाट काटकर बेचने की बड़ी तैयारी कर ली गई है। इतना ही नही आसपास स्थित झौहाढोंढा नामक पहाड को बेदर्दी से काटकर वहां की मिट्टी न केवल अपनी खरीदी गई जमीन पर पाटी जा रही है और जेसीबी लगाकर काटे गए पेड़ो के सबूत मिटाये जा रहे हैं।
जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को भी इस मामले में गुमराह किया जा रहा है चूंकि पूर्व में रायगढ़ एसडीएम द्वारा इसकी जांच रिपोर्ट संबलपुरी के पटवारी से मांगी थी जिसमें लीपापोती करके जांच रिपोर्ट तैयार करने की बात की गई लेकिन आज तक इलाके की पटवारी ने पूरे मामले में मोटी रकम लेने के बाद धन्ना सेठ को बचाने के लिये यह बता दिया न तो इलाके में पेड कटाई हुई है और न ही अवैध प्लाटिंग हुई है और न ही मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है। समय रहते अगर संबलपुरी की सडक़ से लगे आसपास के इलाको में जांच नही की जाती है तो यह इलाका न केवल बंजर हो जाएगा बल्कि यहां की हरियाली भी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी और बड़े सेठों के लिये अपनी तिजोरियों में नोटों की गड्डी भरने का बडा अवसर मिल जाएगा। देखना यह है कि इस पूरे मामले में जिले के प्रशासनिक अधिकारी ईमानदारी से कार्रवाई करके ग्राम संबलपुरी को कमाई का जरिया बनाने वाले कथित बिल्डरों, भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हैं या नही।
क्या कहते हैं एसडीएम
इस संबंध में रायगढ़ एसडीएम प्रवीण तिवारी ने बताया कि कलेक्टर कार्तिकेय गोयल ने कल जांच के लिये कहा था उनकी टीम संबलपुरी स्थित इस जगह पर पहुंचने के बाद यह सही पाया कि मौके पर जमीन समतलीकरण करना पाया गया। साथ ही साथ वहां पेड कटाई भी हो रही है। निजी जमीन होनें के कारण सभी रिपोर्ट मांगी गई है और जल्द ही इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।