पटना (बैकुंठपुर)। भगवान श्रीकृष्ण और बलराम जी ने अपने गुरू से 64 दिनों में ही अपनी शिक्षा पूरी करने के बदले गृरू दक्षिणा में अपने गुरू के मरे हुए पुत्र को वापस लाकर दिया यह बात श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य पं. मनीष शास्त्री ने कहा कि मैंने आप सभी को 7 दिनों तक कथा सुनाई है मैं भी आपका गुरू हुआ मुझे भी आप सभी से गुरू दक्षिणा चाहिए गुरू दक्षिणा में न तो मुझे आपका संतान चाहिए, ना धन दौलत और न ही वस्त्र आदि मुझे सिर्फ आप सब के भीतर किसी कोने में या घर व परिवार में जो भी खराब चीजें हैं जिसका इस्तेमाल आपके लिए नुकसान दायक है उसे आप गुरू दक्षिणा के रूप में मुझे अर्पित कर दें आप लोगों के पास घर की सभी बुरी चींजें जैसे शराब, ईर्ष्या, मांस, जर्दा गुटखा, घर परिवार व आस पड़ोसियों के बीच जो भी द्वेष हैं उसे भागवत भगवान के सामने समर्पित कर दें और इन चीजों से हमेशा दूर रहने का संकल्प ले लें यही मेरी गुरू दक्षिणा होगी, आप सब ऐसा करेंगे तो मैं दावा के साथ कहता हूं कि आप सबका कल्याण होगा।
पटना के नवापारा में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के 7 वें दिन की कथा का रसपान श्रद्वालूओं को कराते हुए कथा वाचक आचार्य पं. मनीष शास्त्री ने कहा कि आत्म शांति के लिए भगवान का नाम ही सहारा है, गोपियों के द्वारा की गई स्तुति के बाद भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न हुए और शरद पूर्णिमा को मिलन का आश्वासन दिया तब गोपियों के मन को शांति प्राप्त हुई इस तरह भगवान श्रीकृष्ण एवं बलराम जी की शिक्षा प्राप्ति, बृज में रचाए गए रासलीला का मनमोहक वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण व रूकमणी विवाह एवं सुदामा चरित की कथा सुनाते हुए कथा वाचक आचार्य पं. मनीष शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण सुदामा का संवाद सुनाते हुए कहा कि श्रीकृष्ण ने द्वारपाल द्वारा सुदामा का नाम सुनते ही द्वार पर लेने के लिए दौड़ पड़े, बांहों में उठाकर,लाकर अपने सिंहासन पर बैठाया और समाचार पूछने लगे तथा पैरों में देखते हैं तो पैरों में कांटे चूभे हुए नजर आये। श्रीकृष्ण को सुदामा की दशा देखकर आंखों में अश्रुधारा निकल पड़ी कहने लगे ‘‘हाय महा दु:ख पाय सखा, आये न इते दिन कहां खोये, करूणा करके करूणानिधि रोए, पानी परात को हाथ छुए नैनन के जलसो पग धोये’’ साथ ही इस दोहे का अनुवाद सुनकर श्रद्धालूओं के आंखों से आंसू आ गए।
मुख्य यजमान यदुनंदन प्रताप सिंह, अमिता सिंह, विष्णु सिंह, प्रमिला सिंह, कथा श्रोताओं में प्रमुख रूप से भूपेंद्र सिंह, नूतन सिंह, धर्मेंद्र सिंह, सपना सिंह, रायपुर से सीएसपी पी पी सिंह, संजुला सिंह, के एस मार्को, सीता सिंह, सीतापुर से ठाकुर प्रसाद पावले, अंजुला सिंह, जबलपुर से गणेश सिंह, दिव्या सिंह, दमोह मध्य प्रदेश से एडीजे उदय सिंह मरावी, महिला बाल विकास अधिकारी आभा सिंह,उमरिया से किशन सिंह सीएमओ, मनेद्रगढ़ एसडीएम लिंगराज सिदार, मेघना सिंह, बेमेतरा सीईओ प्रवीण लाटा, रायपुर से असिस्टेंट डायरेक्टर कदम सिदार, विशेषर पोर्ते, बेनूराम वैष्णव शामिल रहे।