रायगढ़। धरती के पर्यावरण सन्तुलन के लिए प्रकृति ने अनेक जीव जंतुओं की उत्पत्ति की है।खतरनाक और अत्यन्त विषैले जीव जंतु भी हैं। जो पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जहरीले जंतुओं में शुमार ‘सांप’ का नाम सुनते ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं। और देखते ही देखते उसे मारने को तैयार हो जाते हैं। किन्तु सर्प हमारे मित्र से कम नहीं है, पर्यावरण संरक्षण में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज इन्हीं सर्प, बिछु,गोह और अन्य विषैले जीव जंतुओं को सुरक्षित निकाल कर उन्हें दूर जंगलों में छोडऩे का कार्य सर्प मित्र व एनिमल रेस्क्यू रायगढ़ छ.ग. के युवा सदस्य बखूबी निभा रहे हैं। इसी कड़ी में सर्परक्षक समिति द्वारा 8 फीट के अजगर का रेसक्यू किया गया। रायगढ़ से 15 किलोमीटर दूर केराझर में एक अजगर सांप आ गया,इतने बड़े सांप को देखकर लोग घबरा गए हमें सांप के बारे में पूरी जानकारी भी नहीं थी इसलिए हमने रायगढ़ के वन विभाग के तत्वावधान मे चलने वाली सर्प रक्षक समिति के किशन धर्मा जी से संपर्क किया, उन्होंने अपने अध्यक्ष लोकेश मालाकार जी से बात करके हमसे आधे घंटे का समय मांगा उसके बाद टीम के संरक्षक विनितेश तिवारी, सचिव- सुमित बेहरा, पुष्पेन्द्र त्रिपाठी,एवं किशन धर्मा ने समय पर पंहुच कर तत्परता, साहस, और विशेषज्ञता ने इस रेसक्यू कार्य को सुरक्षित और कुशलता से पूरा किया, साथ में सांप से संबंधित बहुत सी गलत धारणाओ के बारे में जानकारियां दी साथ में वन्य जीव से संबंधित वन्य जीव अधिनियम 1972 की धारा के बारे में भी जानकारी दी जिससे, कभी दोबारा दिखाने पर भी हमें क्या करना चाहिए और क्या नही इसकी जानकारी दी।
पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति आपकी इस सेवा के लिए हम आपकी टीम का आभार व्यक्त करते हैं। कृपया जहाँ कहीं भी इस प्रकार के जहरीले जीव जंतु देखें तो उन्हें किसी भी प्रकार की कोई हानि न पहुंचाते हुए इस टीम को तत्काल सूचित करें। कहीं भी कभी भी और किसी भी समय सूचित कर इन जीवों को जीवन दान दे कर पर्यावरण संरक्षण में अपना बहुमूल्य योगदान दें।याद रखें यह संस्था बिलकुल नि:शुल्क 24 घंटे सेवाएँ देती है। अपना किमती समय निकाल कर आपका और जीव का जिंदगी बचाते है। अत: आप लोगो से निवेदन है। कभी भी मजाक से ना बुलाये उसी दरमियान कही और कोई पीडि़त हो तो उनकी सेवा में समय लग सकता है सर्प मित्र सदस्यों के नाम और मोबाइल नंबर अवश्य नम्बर नोट करें। आप आपात कालीन नम्बर भी प्रयोग कर सकते है। अगर इन नम्बरो पर कॉल नही लगे तो (112) पर भी कॉल कर सकते है। विनितेश तिवारी ने बताया कि 8 सालों से सांप पकडऩे का काम कर रहे हैं। उनमें टीम में 16 के करीब युवा शामिल है। जो कि शहर के अलग-अलग इलाके में रहते है। साथ में टीम के सदस्य घरघोड़ा छाल, पुसौर, गोर्रा,नंदेली आदि एरिया का भी रेसक्यू करते हैं।
सांपों को लेकर लोगों को सावधान करने की सलाह देते हुए सर्प मित्र किशन कहते है कि लोगों को सांपों को देखकर घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि 80 फीसदी सांप विषहीन होते है। लेकिन जब कोई सांप दिखे तो तुरंत सर्पमित्र को कॉल करें। साथ ही स्नैक बाइट की घटना होने पर पीडि़त को बिना देर किए अस्पताल लेकर जाए। जहां उसे एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन लगाया जा सकें।