रायगढ़। संविधान दिवस के 75 वें सालगिरह के मौके पर बीते 26 नवंबर को राजधानी रायपुर में भारतीय दलित साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। न्यु राजेन्द्र नगर रायपुर के गुरू घासीदास सांस्कृतिक भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश भर से 115 विशिष्टजनों को उनकी उपलब्धियों के लिए मानद उपाधि साल 2024 का राज्य अलंकरण प्रदान किया गया। इस प्रादेशिक सम्यक प्रबोधन सम्मेलन के गरिमामय मंच से ग्रामीण परिवेश में बढ़े एवं शिक्षा प्राप्त सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले कृषि वैज्ञानिक डॉ खेमा दास महंत को महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षा रत्न सम्मान से नवाजे गए हैं। उन्हें यह सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवा निवृत्त न्यायाधीश एस. एल.?मात्रे बिलासपुर, प्रदेशाध्यक्ष भारतीय दलित साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ राज्य जी आर बंजारे ज्वाला, महासंरक्षिका श्रीमती सुशीला देवी बाल्मिकी, मासिक पत्रिका तथागत संदेश के संपादक आर के सुखदेवे, अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार डा क्षमा निधि पाटले, एच. एल. रात्रे रिटायर्ड भारतीय वन सेवा अधिकारी रायपुर तथा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक संजय कुमार मैथिल व सी.? एल. बंजारे, सहित मंचासीन अभ्यागतों के कर-कमलों से प्रदान किया गया है। अकादमी ने कृषि वैज्ञानिक डॉ खेमा दास महंत को यह सम्मान उत्कृष्ट कृषि वैज्ञानिक के रूप में उनकी विशिष्ट उपलब्धियों एवं योगदान के लिए प्रदान किया है।? विदित हो कि मृदा विज्ञान विशेषज्ञ के रूप में रायगढ़ जिले में डॉ महंत भारत-सरकार के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र रायगढ़ में पदस्थ हैं। कृषि वैज्ञानिक के रूप में उनके द्वारा कृषि शिक्षा एवं कृषि के क्षेत्र जैसे जलवायु अनुकूल तकनीकी विस्तार, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जैविक और प्राकृतिक खेती के साथ साथ किसान संघटन एवं महिला समुदाय को कृषि के अनेक अनुप्रयोग के माध्यम से सामाजिक विकास एवं सकारात्मक परिवर्तन तथा महिला सशक्तिकरण में किए गए अनेक प्रयास एवं उपलब्धियों के लिए प्रदान की गई है। साथ ही जांजगीर चांपा जिले में प्रभारी वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में विशेष नवाचार जैसे किसानों के माध्यम से केले के रेशे से कपड़ा निर्माण तथा वेस्ट से बेस्ट के तहत अलसी के रेशे से कपड़ा निर्माण, जैविक उत्पादों का अंतर्राष्ट्रीय ऑन लाइन मार्केटिंग जैसे नवाचारी अनेक गतिविधियां को प्रचार-प्रसार, विस्तार एवं प्रबंधन कार्य शामिल हैं। इधर डाक्टर महंत ने इस सम्मान को अपने लिए प्रेरणादाई बताते हुए कार्यक्रम के सभी अतिथियों सहित प्रतिष्ठित संस्थान भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट किया है। गौरतलब हो कि भारतीय दलित साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ राज्य इकाई ने 14 अप्रैल 1984 से आज पर्यन्त बीते चार दशक के लंबे सफर में अब तक 6000 से अधिक विशिष्टजनों को उनके समाज सेवी कार्यों के लिए उनकी प्रतिभा को संतों गुरूओं तथा महा पुरूषों के नाम पर राज्य अलंकरण से सम्मानित किया है। इधर डा महंत को यह सम्मान प्राप्त होने पर उनकी धरम पत्नी श्रीमती किरण महंत, ज्येष्ठ भ्राता मनीदास महंत, कन्हैया दास महंत, सह समस्त परिवार, अखिल भारतीय एवं छत्तीसगढ़ राज्य मानिकपुरी पनिका समाज, कृषि विज्ञान केंद्र के समस्त वैज्ञानिकगण एवं प्रकाश लहरे सक्ती, धनीराम महंत, परिजन सहित ईष्ट मित्रों ने हर्ष संदेश एवं बधाई प्रेषित की है।