आज 3 दिसंबर याने एक बरस पहले आज के ही दिन ओपी चौधरी रायगढ़ के विधायक बने थे जनता ने उन्हें ऐतिहासिक मतों से विजयी बनाया था। जीतने के बाद पहले बरस में ही आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में नालंदा परिसर की नींव रखी जा रही है। ज्ञान आधारित समाज के लिए यह लाइब्रेरी मिल का पत्थर साबित होगी। एक बरस पहले आज के दिन विधान सभा चुनाव की मत पेटीया खुली और मतों की गिनती के बाद सभी पोलस्टर्स और भविष्यवाणियों को धता बताते हुए, भाजपा ने 54 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल कर, कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों से सत्ता छीन ली, 2018 में भारी जीत हासिल करने वाली कांग्रेस केवल 35 सीटें ही जीत सकी थी। छत्तीसगढ़ गठन के बाद पहली बार भाजपा ने सबसे बड़ी जीत हासिल की।
विधायक बनने के बाद ओपी चौधरी केवल सूबे के वित्त मंत्री के साथ साथ प्रदेश के युवाओं सहित जनता के उम्मीदों के नायक भी बने। बतौर प्रशासनिक अधिकारी उनके कार्यों के ढेरों प्रमाण मौजूद है और अब राजनीति में भी प्रदेश की जनता उनका अभिनव प्रयोग देख पा रही है विष्णु देव साय सरकार में प्रदेश में 22 नालंदा परिसर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले ओपी चौधरी प्रदेश को इन पांच सालो में ही नॉलेज हब के रूप में स्थापित करना चाहते है ताकि आने वाले समय में प्रतिभा शाली युवाओं की ऐसी फौज तैयार हो जो सन 2047 में आजादी के सौ वर्ष पूरे होने पर 55 ट्रीयन डॉलर की इकोनॉमी में अपनी सहभागिता दर्ज करा कर प्रदेश का सर ऊंचा कर सके। पुरातन परम्पराओं खास कर कुरीतियों को तोडऩे वाले व्यक्ति समाज के दुश्मन माने जाते है राजनीति का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है..राजनीति में व्यक्ति गत महत्वकाक्षाएं इतनी बढ़ चुकी है कि हम जनहित के कार्य को देखना नहीं चाहते। मध्य प्रदेश के दौरान जनता ने कांग्रेस का वो दौर देखा है जब केलो परियोजना के शिलान्यास के लिए चुनाव नजदीक देख कांग्रेस के तीन तीन मुख्यमंत्रियों ने नारियल फोड़े लेकिन केलो बांध के लिए स्वर्गीय राम कुमार जी की इच्छा पूरी नहीं हो पाई भाजपा की रमन सरकार ने स्वर्गीय राम कुमार का सपना पूरा किया लेकिन भूपेश सरकार बांध का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंचा पाई। भूपेश सरकार के पास नहर बनाने के लिए पैसे नहीं थे । कुआं खोदने के बाद भी किसानों के खेतों की प्यास नहीं बुझ पाई । भूपेश केलो की आरती में आकर आस्था के दीपक जला गए लेकिन आस्था के दीपक से खेतों की प्यास नहीं बुझा करती। ओपी चौधरी उम्मीदों का प्रकाश है अधिकारों को यह लगता है कि उसने प्रकाश को लील लिया लेकिन सही मायने में प्रकाश का अस्तित्व खत्म नहीं हो सकता।कलेक्टर छोड़ कर राजनीति में आए ओपी ने एक वर्ष के अंदर नहरों के निर्माण के लिए करोड़ों रुपयों की राशि स्वीकृति कर यह साबित कर दिया कि वे ही केलो के सच्चे सपूत है।केलो महतारी का पानी नहरों से होता हुआ जब गरीब किसानों के खेतों की प्यास बुझाकर हरा सोना उगाएगा तो ओपी चौधरी की काबलियत को दिया गया एक एक वोट अपनी सार्थकता साबित करेगा । एक बरस के भीतर उनकी कार्यशैली पर उंगली उठाने वाले यह भूल बैठते है कि चार उंगलियां उनकी तरफ भी है। नालंदा के साथ साथ प्रयास कॉलेज, हार्टिकल्चर महाविद्यालय, इतवारी बाजार में ऑक्सी जोन, निगम क्षेत्र में जर्जर सडक़ो से मुक्ति सहित ढेरों विकास काम ऐसे है जो एक बरस के अंदर स्वीकृत हो चुके और निर्माण को लेकर जनता तनिक भी शंका में नहीं है..चुनाव प्रचार के दौरान विपक्ष का दुष्प्रचार ही ओपी की बड़ी जीत का कारण बना। राजनीति में ओपी के लिए गड्ढा खोदने वालों का ओपी शुक्रिया करना नहीं भूलते क्योंकि गड्ढा खोदने वालों की वजह से ओपी छलांग लगाना सिख पाए। जीवन के अंतिम समय में युद्ध के मैदान में मरते समय कर्ण द्वारा भगवान कृष्ण से ज्ञान मांगे जाने पर कृष्ण ने कहा हे!!! हे कर्ण तुमने शिक्ष बल्कि अर्जुन से बदला लेने के लिए ग्रहण की तुमने ऐसी व्यवस्थाएं नहीं बनाई जिससे शिक्षा के लिए समाज को संघर्ष करना नहीं पड़ता और शिक्षा नैसर्गिक अधिकार रूप में सभी को हासिल हो पाती। तुम बदले की आग में जलते रहे जबकि सभ्य समाज बदलाव लाने को पूजनीय मानता है। तुम्हारी शिक्षा का समाज में कोई महत्व नहीं है शिक्षा ग्रहण करने के बाद तुमने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जिससे भविष्य में किसी सूद पुत्र को शिक्षा ग्रहण करने में कोई परेशानी नहीं हो। बदले के लिए ली गई शिक्षा ने तुम्हे अधर्मी दुर्योधन के पक्ष में खड़ा कर दिया यही तुम्हारा दोष है..कलेक्टर बनने के पहले ओपी चौधरी के कटु अनुभवों ने उन्हें कलेक्टर बनने के लिए प्रेरित किया और कलेक्टर बनने के दौरान होने वाली परेशानियों ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया । किसी गरीब के बेटे को शिक्षा एक नैसर्गिक अधिकार के रूप में सहजता से हासिल हो सके। विपक्ष के लोग यह दुष्प्रचार भी कर रहे कि नालंदा से कितने लोगों को लाभ मिलेगाज्.विपक्षियों को कौन समझाए कि मृतक के लिए हवा का महत्व नहीं होता लेकिन जीने वालों के लिए हवा की प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं होती…वोट बैंक की राजनीति की वजह से विकास कार्य एवं जनहित के काम प्रभावित होते रहे है ओपी चौधरी वोट बैंक की राजनीति का मिथक तोड़ कर विकास कार्यों को तरहीज दे रहे है यह शहरवासियों के लिए गर्व का विषय है।
गणेश अग्रवाल
रायगढ़
नालंदा के अभ्युदय से अंचल में फैलेगा ज्ञान का उजियारा
