रायगढ़/धरमजयगढ़। छत्तीसगढ़ राज्य में धान खरीदी को लेकर सरकारी नए कई नियमों के कारण किसानों को मंडी में अपनी धान बेचने के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। सोमवार को रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ धान मंडी में अपनी धान बेचने पहुंचे दर्जनों किसानों का गुस्सा उस समय भडक़ गया जब खराब मौसम का हवाला देते हुए किसानों की धान खरीदी से इंकार कर दिया गया। जिसके बाद आक्रोशित किसान एसडीएम कार्यालय गए और वहां अधिकारी से मुलाकात नहीं होने पर वे सीधे उनके निवास पर पहुंच गए और अधिकारी को अपनी व्यथा बताई। जिसके बाद एडीएम ने किसानों का धान खरीदी करने के निर्देश प्रबंधन को देने की बात ऑन द रिकार्ड कही लेकिन इसके विपरीत सोमवार को धान बेचने पहुंचे सभी किसानों को धान सहित वापस लौटना पड़ा।
इस मामले में सोमवार को धान बेचने पहुंचे किसानों ने कहा कि मौसम का हवाला देते हुए धान खरीदी से मना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कोई नियम है तो उसके बारे में किसानों को पहले से अवगत कराना चाहिए जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े। किसानों ने कहा कि हजारों रुपए खर्च कर वे अपने धान बेचने मंडी आते हैं और दूसरी ओर बिना पूर्व सूचना दिए समिति द्वारा धान खरीदी से इंकार किया जाना किसानों के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।
एसडीएम ने दिए खरीदी के निर्देश, मायूस होकर लौटे किसान
सोमवार को हुए इस धान खरीदी की समस्या पर आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि एक ओर एसडीएम डिगेश पटेल द्वारा किसानों के सहयोग से धान खरीदी के निर्देश दिए जाने की बात कही गई। वहीं दूसरी ओर ठीक इसके उलट सोमवार को धरमजयगढ़ धान मंडी पहुंचे सभी किसान मायूस होकर धान को वापस घर ले गए। ऐसे में मौसम की मार और अधिकारी के आश्वासन के बावजूद मंडी में धान खरीदी से इंकार करने के के कारण क्षेत्र के किसानों में फसलों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों व धान मंडी प्रबंधन के खिलाफ खासी नाराजगी जताई है।
किसानों को परेशान करने का नया नाटक – दिनेश्वर राठिया
इस मामले पर आम आदमी पार्टी रायगढ़ लोकसभा सचिव दिनेश्वर राठिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसान विरोधी सरकार है। पहले बिना कारण रकबा घटा दिया गया और कई किसानों का पंजीयन जीरो हो गया। अब यह नया नाटक कि खराब मौसम का हवाला देकर धान बेचने पहुंचे किसानों को मण्डी से वापस भेजा गया है। दिनेश ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह कैसा का सुशासन है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार किसानों को किसी भी तरह से परेशान करना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने भोले भाले किसानों को समस्या के अलावा कुछ नहीं दिया है।