खरसिया। दिसंबर का महीना भी आ गया और पिछले 15 दिनों से तेज ठंड का असर भी साफ दिखाई दे रहा है, परंतु शिक्षा विभाग की निष्क्रियता के कारण रायगढ़ जिले में अब तक स्कूलों के समय में कोई परिवर्तन नहीं किया गया, जबकि अन्य कई जिलों में स्कूलों के समय में परिवर्तन हो चुका है। प्रकृति ने सूर्योदय के समय को भी बदल दिया है, परंतु अब तक स्कूलों के समय में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चों को सुबह स्कूल जाना पड़ता है। वहीं न सिर्फ पालकों को इस बात से परेशानी हो रही है, वरन् छोटे-छोटे बच्चों की तबीयत भी बिगडऩे लगी है।
स्कूलों के समय परिवर्तन को लेकर डीईओ केवी राव से बात की गई, तो उन्होंने अपनी हठधर्मिता दिखाते हुए कहा कि अभी बहुत से जिलों में स्कूलों के समय का परिवर्तन नहीं हुआ है। वहीं रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेय गोयल से बात की गई तो उन्होंने स्कूलों के समय परिवर्तन के लिए सहमति प्रदान की। परंतु चार दिन भी जाने के बावजूद भी अब तक स्कूलों के समय में परिवर्तन नहीं हो पाया है। ऐसे में छोटे-छोटे बच्चे सुबह-सुबह उठने में परेशान करते हैं और उठ भी जाते हैं तो स्कूल जाने से परहेज करते हैं। जिले में अब तक स्कूलों का समय सुबह 7:30 बजे है। ऐसे में कडक़ड़ाती ठंड में छोटे-छोटे बच्चों को भोर में ही उठाना पड़ता है, ताकि वह समय से स्कूल पहुंच सकें। ज्यादातर बच्चे उठने से परहेज करते हैं और रोने लगते हैं। ठण्ड के चलते छोटे बच्चे बीमार भी हो रहे हैं और कई मर्तबा उन्हें स्कूल में अनुपस्थिति का सामना भी करना पड़ता है, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। डीईओ एवं अन्य उच्चाधिकारियों को तो 11:00 कार्यालय पहुंचना होता है, वह भी पता नहीं समय से पहुंचते हैं या नहीं, परंतु छोटे-छोटे बच्चे यदि समय पर स्कूल न पहुंचे तो उन्हें स्कूल के दरवाजे बंद मिलते हैं। ऐसे में इस कठिन समस्या से निजात दिलाने और किससे पहल करनी होगी, जिलाधीश और जिलाशिक्षाधिकारी को तो संज्ञान दिलाया जा चुका है, परंतु अब तक कार्रवाई लंबित है।