रायगढ़। आज शाम एनएसयूआई युनिवर्सिटी प्रेसिडेंट ने खुद पर पेट्रोल छिडक़कर आत्मदाह की चेतावनी देने लगा। छात्रनेता और अन्य छात्रों को विरोध था कि साल भर से एक बार भी कॉलेज की लाइब्रेरी नहीं खुली है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को पढऩे में काफी समस्याएं हो रही है। गुरुवार की शाम को युनिवर्सिटी प्रेसिडेंट साकिब अनवर और चौथे सेमेस्टर के छात्र कॉलेज की लाइब्रेरी नहीं खुलने का विरोध करने लगे। प्राचार्य कक्ष में जमीन पर बैठ गए और उनका कहना था कि साल भर से कॉलेज की लाइब्रेरी नहीं खुली है। ऐसे में प्रथम वर्ष व अन्य वर्षों के छात्र-छात्राएं आखिर अपनी पढ़ाई कैसे करें।
काफी देर तक विरोध करने के बाद भी जब कॉलेज प्रबंधन की ओर से संतुष्टि पूर्वक जवाब नहीं मिला, तो छात्र नेता एनएसयूआई युनिवर्सिटी प्रेसिडेंट साकिब ने कॉलेज प्राचार्य को चेतावनी दी कि अगर आधे घंटे के भीतर संतुष्टि पूर्वक जवाब नहीं दिया गया, तो वे खुद पर पेट्रोल छिडक़कर आग लगा लेंगे।
इसके बाद उसने कॉलेज परिसर में खुद पर पेट्रोल छिडक़ लिया, लेकिन कॉलेज प्राचार्य ने पांच सदस्यों की कमेटी बनाकर कल लाइब्रेरी खुलने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर उन्होंने अपना विरोध समाप्त किया।
पहले भी कर चुके हैं मांग
बताया जा रहा है कि लाइब्रेरी के नहीं खुलने से सबसे ज्यादा समस्या प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को हो रही है। ऐसे में पहले भी लाइब्रेरी को खोलने की मांग किया जा चुका है, लेकिन इस पर कॉलेज प्रबंधन गंभीर नहीं दिखा। ऐसे में पूर्व में आंदोलन करने की बात कही गई थी। जहां अब तक इस समस्या का समाधान नहीं होने से छात्र नेताओं और छात्रों ने विरोध जताना शुरू कर दिया था।
कल नहीं खुला तो करेंगे बड़ा आंदोलन
एनएसयूआई युनिवर्सिटी प्रेसिडेंट साकिब अनवर ने बताया कि बंद लाइब्रेरी खोलने की मांग की जा रही है। फर्स्ट ईयर के छात्रों को किताबें नहीं मिल रही है और दिसंबर-जनवरी में परीक्षा शुरू हो जाएगी। इसके अलावा सेकेंड ईयर व फाइनल ईयर के जो छात्र हैं उन्हें भी किताबें नहीं मिल सकी है। साल भर से लाइब्रेरी नहीं खुली है। जिसके कारण आज धरना प्रदर्शन किया गया।
प्रक्रिया चालू करने आदेशित किया गया
कॉलेज प्राचार्य मनोरमा पांडेय ने बताया कि लाइब्रेरी क्यों बंद है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। पूर्व प्राचार्य के द्वारा पूरी तरह से उन्हें प्रभार नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि तब एक सामान्य व्यवस्था के तहत बच्चों के अध्ययन व अध्यापन के लिए व्यवस्था कर दी गई थी। बुक लिप्टर की जो पोस्टिंग जन भागीदारी से हुई थी वह उन्होंने मान्य कर दिया था और एक कर्मचारी भी नियुक्त कर दिया। इसके बाद भी लाइब्रेरी नहीं खोली गई। ऐसे में जिनके पास प्रभार था उन्हें बुलाकर नोटिस दिया गया है।