रायपुर। पुरानी मान्यता है कि सेहतमंद और खुशहाल बुजुर्ग से घर में बरकत आती है. इसी परम्परा को छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने विराट रूप देते हुए राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण की दिशा में सार्थक और बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश में सम्बंधित विभाग, राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के लिए सतत काम कर रहा है. वरिष्ठ नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में सरकार ने जो हितकारी फैसले लिए हैं वो अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय है. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए जो कार्यक्रम बनाए हैं, उसमें है इनके भरण-पोषण की व्यवस्था, रहवास के लिए वृद्धाश्रमों का इंतज़ाम, स्वास्थ्य सुविधाओं की पर्याप्त उपलब्धता, संपत्ति के संरक्षण की निश्चिंतता जैसे बहुत से अहम काम शामिल हैं.
प्रदेश में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों को भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश की कमान संभालने के बाद से ही वरिष्ठ नागरिकों की सुध ली है, जिसका असर जमीन पर भी दिखने लगा है. बुजुर्गों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण के विषय में इतनी गंभीर पहले की कोई सरकार कभी नहीं रही. महंगाई और व्यस्तता के इस दौर में कोई सुपुत्र भी अपने वृद्ध माता-पिता के लिए ऐसा नहीं कर पाएगा जितना राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने प्रदेश भर के उम्रदराज़ माता-पिता के लिए कर दिखाया है. बुजुर्गों के दिल से निकली दुवाएँ चिर काल तक राज्य के मुखिया का साथ देने वाली है.
सीएम साय के दिशा निर्देश पर वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में सभी अनुविभागों में भरण पोषण अधिकरण का गठन किया गया है. अधिकरण से जुड़े अपीलीय नियमों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरों पर भी अधिकरण का गठन हुआ है. इस चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था का प्रतिसाद ये मिल रहा है कि राज्य के अंतिम पंक्ति में खड़े निर्बल बुजुर्ग तक शासकीय सहयोग पहुंच पा रहा है. वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के निराकरण और भरण पोषण का लाभ दिलाने के लिए आवेदन की आसान व्यवस्था भी प्रभावी तरीके से कर रहा है. 60 साल या उससे अधिक आयु के वृद्धजनों को निशुल्क भोजन, आश्रय, देखभाल, मनोरंजनात्मक सुविधाएं आदि उपलब्ध कराने लिए राज्य के 26 जिलों में 35 वृद्धाश्रम भी चलाए जा रहे हैं, जिसका सीधा लाभ लगभग एक हजार वरिष्ठ नागरिकों को हो रहा है. मुख्यमंत्री का अपनापन न सिफऱ् बुजुर्गों बल्कि परिवार के हर एक सदस्य का मन मोह रहा है.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अगुवाई में छत्तीसगढ़ सरकार जिस संवेदनशीलता से वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान रख रही है, वो भारतीय मानवीय मूल्यों का भी पोषण करने वाली है. उम्र के 60 साल गुज़ार चुका व्यक्ति अगर अपनी बढ़ती उम्र में किसी गंभीर बीमारी से बिस्तर पकड़ चुका हो, उनकी समुचित देखरेख के लिए, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशामक देखरेख गृह के संचालन की योजना शुरू की गई है. ये प्रशामक देखरेख गृह वो मंदिर है, जहां ईश्वर से सीधा साक्षात्कार होता है. पुण्य अर्जित करने के इस अवसर को राज्य के मुख्यमंत्री ने अपने हाथ से जाने नहीं दिया है. इस योजना के अंतर्गत 6 जिलों रायपुर, दुर्ग, कबीरधाम, रायगढ़, बालोद और बेमेतरा में देखरेख गृह का संचालन किया जा रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त अशासकीय स्वैच्छिक संगठन या त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाए/ नगरीय निकाय के माध्यम से इन्हें संचालित किया जा रहा है।
प्रशामक देख रेख गृह में बुजुर्ग वो सुविधा और सेवा पा रहे हैं, जिसकी उम्मीद कभी सुपुत्र से की जाती रही है. अन्त:वासियों को चाय-नाश्ता, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, दवाइयां, तेल, साबुन, बिस्तर, पलंग, मच्छरदानी,बिजली, पानी, आरामदायक फर्नीचर के अलावा मनोरंजन, खेल, पत्र-पत्रिकाएं, बगीचा, टेलीविजऩ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन, नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा, यहाँ तक कि अन्त:वासी की मृत्यु पर उनके धर्म के अनुसार अंत्येष्टि की भी व्यवस्था रखी गई है, बशर्ते उनके परिवार का कोई भी सदस्य मृत्यु के 24 घंटे के भीतर शव लेने उपस्थित न हो तो. इतनी गंभीरता से बुजुर्गों के विषय में पहले कभी किसी की सरकार में नहीं सोचा गया. इतना ही नहीं उन्हीं संस्थाओं को प्रशामक देख रेख गृह की जिम्मेदारी दी जा रही है, जिनको न्यूनतम 3 वर्षों से वृद्धाश्रम अथवा बहुसेवा केंद्र संचालन का अनुभव हो. विभागीय अनुदान नियम अनुसार निर्धारित प्रपत्र में आवेदन-पत्र संलग्न किए जा रहे हैं. विभागीय मान्यता प्राप्त स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रस्ताव जिला कलेक्टर की अनुशंसा से संचालक समाज कल्याण संचालनालय को प्रेषित किये जा रहे हैं.
बुजुर्ग, बीमार, लाचार, निर्धन माता-पिता को तीर्थाटन कराने वाले श्रवण कुमार का सम्मान हर हिंदुस्तानी के दिल में होता है. तीर्थ स्थलों की यात्रा से सम्बंधित योजना चलाकर छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ना जाने कितने वृद्ध माता-पिता के श्रवण कुमार बने हुए हैं. छत्तीसगढ़ सरकार वरिष्ठ नागरिकों की आस्था को पूरा सम्मान देने की अपनी प्रतिबद्धता और मोदी की गारंटी के साथ उनके लिए तीर्थ स्थलों की यात्रा की योजना भी चला रही है. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की वृद्धावस्था को हर तरफ से संभाला जा रहा है. उनकी देखभाल, उनका स्वास्थ्य, उनका उपचार, भावनात्मक सम्बल, आर्थिक मदद, उनकी आस्थाओं का पोषण सब कुछ किया जा रहा है. वरिष्ठ नागरिक सहायक उपकरण प्रदाय योजना के अंतर्गत ज़रूरतमंद वृद्धजनों को व्हीलचेयर, श्रवणयंत्र, चश्मा, छड़ी आदि उपकरण प्रदान किए जा रहे है. इस योजना से अब तक राज्य के 50 हजार से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को लाभान्वित किया जा चुका है.
बिना पैसों के नौजवानों की पूछ-परख नहीं होती, बुजुर्गों की बात ही क्या. राज्य के निर्धन बुजुर्गों को अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी के भी सामने यहाँ तक अपनी औलाद के आगे भी हाथ ना फैलाना पड़े, इसका भी ख्याल राज्य के मुखिया ने रखा है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन राशि दी जा रही है. वर्तमान में 14 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन योजना से लाभान्वित किया जा रहा है. वर्ष का कोई एक दिन तो ऐसा भी होना चाहिए जो उनको समर्पित हो, जिनकी उंगली थाम कर हमने चलना सीखा है, ऐसे संस्कारी विचारधारा के मालिक राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण और सम्मान के प्रति समाज में सकारात्मक और जागरूक वातावरण बनाने के लिए हर वर्ष विकासखण्ड स्तर से राज्य स्तर तक 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का आयोजन करा रहे हैं.मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर अपने संदेश में कहा था कि वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, संरक्षण तथा सम्मान के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण विकसित करने के लिए पूरे विश्व में एक अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाया जाता है. बुजुर्ग, परिवार ही नहीं पूरे समाज के लिए अमूल्य धरोहर होते हैं. वे जीवन भर परिवार और समाज को अपना अमूल्य योगदान देते हैं. . उनके पास अनुभव का अनमोल खजाना होता है. बुजुर्गों के अनुभवों से हमें सीखने की कोशिश करनी चाहिए. बुजुर्गों की खुशी,स्वास्थ्य और सम्मान का पूरा ध्यान रखना हमारी नैतिक जवाबदारी है। वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के त्वरित निराकरण, सहायता और मार्गदर्शन के लिए समाज कल्याण संचालनालय में हेल्पलाइन 155-326 एवं टोल फ्री नं. 1800-233-8989 का संचालन किया जा रहा है, जिसका लाभ प्रदेशभर के वरिष्ठ नागरिकों को मिल रहा है. इस तरह छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नागरिकों के सुरक्षा, सम्मान, स्वास्थ्य और कल्याण को लेकर सतत कार्य किया जा रहा है. प्रदेश के सभी वृद्धजन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को उनके कार्यों के लिये दिल से आशीर्वाद दे रहे हैं।