खरसिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तिऊर मंडल में संयुक्त 3 मंडल मिलकर पथ संचलन का आयोजन दिनांक 19.11.2024 दिन मंगलवार को खडिय़ा पारा से मुख्य बस्ती से सभी स्वयं सेवकों द्वारा देशभक्ति गीत से गुंजायमान करते हुए संचलन होते हुए नवधा चौक कार्यक्रम स्थल तक संपन्न हुआ और तिऊर के गली मोहल्ले पर स्वयं सेवकों का स्वागत ग्राम वासियों व माताओं द्वारा फूलों से पुष्प वर्षा कर किए गए इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में रामेश्वर प्रसाद बरेठ उपस्थित रहे एवं मुख्य वक्ता डॉ राजकुमार भारद्वाज विभाग प्रचारक रायगढ़ विभाग,खरसिया खंड कार्यवाह खगेश्वर साहू, मंडल पालक यदुनाथ पटेल, रमेश साहू एवं सैकड़ों स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता डॉ राजकुमार भारद्वाज विभाग प्रचारक रायगढ़ ने कहा कि संघ की स्थापना 27 सितम्बर सन् 1925 से प्रारंभ हुआ और तब से लेकर अब तक की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उपलब्धियों के बारे में बताया, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से ही देश हित के लिए कार्य करती हैं अब तक कई बार सेना की मदद करते हुए अपने कई स्वयं सेवकों की प्राणों की आहुति भी दे चुकी है तथा वर्तमान समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की देश को आवश्यकता क्यों है उसे बताया, आज संघ शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है, जिसमें स्वयं सेवकों द्वारा पञ्च प्रण लिया गया है जिसमें 1. सामाजिक समरसता के बारे में बताया की छुआ- छूत के भावनाओं को छोडक़र सभी को समान व्यवहार करना चाहिए 2. कुटुम्ब प्रबोधन में अपने पूरे परिवार को साथ में बैठ कर खाना खाना चाहिए साथ मिलकर रहना चाहिए 3. पर्यावरण संरक्षण आज हम नौरात्रि का उपवाश 9 दिन बिना खाए रह सकते हैं लेकिन बिना हवा के कुछ छड़ भी जीवित नहीं रह सकते जिस कारण इस पर्यावरण का संरक्षण बहुत आवश्यक है 4. स्व के बोध व स्वदेशी को मान कर मातृ भाषा, और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना चाहिए 5 नागरिक कर्तव्य बोध प्रत्येक नागरिकों के मूल कर्तव्य और देश भक्ति देश की संस्कृति को जानने और उसका पालने करने का महत्व को बताया संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन बनकर तैयार हुआ है, आज देश में राष्ट्र विरोधी शक्तियां समाज को खंडित करने के प्रयास में लगा है ऐसे समय में हमें एक साथ इस संगठन के माध्यम से ताकतवर व सशक्त होकर एक साथ चलने की आवश्यकता है संघ संस्कार,अनुशासन और देशभक्ति के रूप में कार्य कर रहा है इस अवसर पर अमृतवचन सुमित गबेल और एकलगीत सुरेश साहू द्वारा किया गया एवं क्षेत्र के स्वयंसेवकों और ग्राम वासियों की गरिमामई उपस्थिति रही।