रायपुर। कारोबारी से दिल्ली में 5 लाख की ठगी हो गई है। कारोबारी के पास एक वॉट्सऐप कॉल आया जिसमें उसके दोस्त की फोटो लगी हुई थी। कॉलर ने दिल्ली में जरूरी काम के बहाने मदद के लिए 5 लाख रुपए मांगे, तो कारोबारी ने चांदनी चौक के पास एक परिचित को बोलकर कॉलर को कैश दिलवा दिए। बाद में जब दोस्त से पैसे वापस मांगे तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में पुलिस ने राजस्थान के अलग-अलग जिलों से 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपी पहले भी ठगी के मामले में दिल्ली की जेल में बंद रह चुके हैं। सिविल लाइन थाने में सन्नी जुमनानी ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसने पुलिस को बताया कि, वो सोलर पैनल का काम करता है। पुनीत पारवानी उसके भाई बंटी का दोस्त है। 8 नवंबर को बंटी के मोबाइल नंबर पर वॉट्सऐप कॉल आया। कॉल में पुनीत परवानी की डीपी लगी हुई थी। कॉलर ने खुद को पुनीत परवानी बताते हुए दिल्ली में जरूरी काम के लिए 5 लाख रुपए मांगे। इसके बाद सनी ने अपने एक दिल्ली के दोस्त से संपर्क कर 5 लाख रुपए पुनीत को देने की बात कही। सनी के दोस्त ने चांदनी चौक के पास 5 लाख रुपए नगद एक व्यक्ति को दे दिया। दो-तीन दिनों बाद जब सनी ने पुनीत से पैसे वापस मांगे तो पुनीत ने कहा कि, उसे कोई भी पैसे नहीं मिले हैं। इसके बाद धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। किसी ने फेक डीपी लगाकर पैसे वसूल कर लिए। इस मामले में जांच करते हुए एंटी क्राइम यूनिट की टीम को राजस्थान रवाना किया गया। जिस नंबर से फोन आया था पुलिस ने तकनीकी जांच करते हुए सुरेश पुरोहित और वैभव जैन को पकड़ा। आरोपियों ने खानू खान, स्वरूप सिंह और हैदर के साथ मिलकर ठगी की घटना को अंजाम दिया था।