रायपुर। घर से कार्टून में भरे 62 लाख रुपए चोरी हो गए। परिवार को पुश्तैनी जमीन बेचकर पैसे मिले थे, जो घर में पलंग के नीचे रखे थे। इसी दौरान किसी ने पैसे चुरा लिए। परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने 22 दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं की। मामला मुजगहन थाना क्षेत्र का है। एफआईआर नहीं होने से परेशान पीडि़त परिवार ने छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा से इसकी शिकायत की। शिकायतकर्ता बालमुकुंद सोनकर ने बताया कि उनके पिता कमल नारायण सोनकर 7 भाई हैं। जिनकी मुजगहन थाना इलाके के रवेली गांव में 9 एकड़ जमीन है। इसी जमीन को करीब ढाई करोड़ में बेचा गया था। बालमुकुंद इसमें से करीब डेढ़ करोड़ रुपए 2 कार्टून में और एक बैग में भरकर घर ले आया। उसने रकम को घर के बेडरूम में दीवान के अंदर रख दिया। 2 अक्टूबर को कर्ज चुकाने और घरेलू खर्च के लिए जब पैसे निकाले तब वहां 2 दो कार्टून रखे हुए थे। एक कार्टून में 62 लाख 61 हजार रुपए थे। वहीं दूसरे में 66 लाख रुपए थे।
इसके बाद जब 23 अक्टूबर को घर की महिला ने साफ सफाई के लिए दीवान को खोला तो नोटों से भरा एक कार्टून गायब था। चोरी हुए कार्टून में 62 लाख 61 हजार रुपए थे, इसके बाद परिवार के बाकी लोगों को इसकी जानकारी दी। बालमुकुंद ने अपने परिवार के सभी लोगों से पूछताछ की लेकिन किसी ने पैसे निकालने की बात नहीं कही। बालमुकुंद ने इसके बाद पहली शिकायत 24 अक्टूबर को मुजगहन थाने में की। पुलिस ने व्हीआईपी ड्यूटी की बात कहते हुए टालमटोल कर दिया। बालमुकुंद तीन से चार बार थाने का चक्कर लगाया, लेकिन दीपावली, राज्योत्सव और केंद्रीय मंत्री की व्हीआईपी ड्यूटी के बहाने रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। परेशान होकर बालमुकुंद सोनकर ने इसकी शिकायत छत्तीसगढ़ के डीजीपी अशोक जुनेजा से की, जिसके बाद इस घटना के 22 दिन बीतने के बाद शुक्रवार को एफआईआर दर्ज की गई। मामले में पीडि़त परिवार का कहना है कि पुलिस ने अब तक पूरे लोगों का बयान भी दर्ज नहीं किया है। पीडि़त परिवार का कहना है कि पुलिस की देरी से आसपास में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज भी गायब हो सकते हैं। उन्हें शक है कि चोरी परिवार के बीच के किसी सदस्य या नौकर-चाकर ने ही की होगी।
कार्टून में रखे 62 लाख पार
पुश्तैनी जमीन बेचकर पलंग में रखे थे कैश; डीजीपी से शिकायत
