रायगढ़। 4 लोगों ने शाखा डाकपाल पद के लिए दसवीं की फर्जी अंकसूची जमा की। जब मामले की जानकारी डाकघर अधीक्षक को हुई, तो उनकी रिपोर्ट पर पुलिस ने जुर्म कायम किया है। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक साल 2022-23 में भारतीय डाक विभाग द्वारा ग्रामीण डाक सेवकों में भर्ती प्रक्रिया की गई। जिसमें अभ्यार्थियों द्वारा शाखा डाकपाल के पद पर नियुक्ति के लिए ऑनलाइन दसवीं की अंकसूची व अन्य दस्तावेज जमा किया गया था। इसके बाद विभाग द्वारा इसमें जांच किया गया, तो मेरिट लिस्ट के आधार पर छपरा बिहार के रहने वाले नरेन्द्र कुमार सिंह, रंजीत मांझी, आनंद भास्कर और अविनाश कुमार का चयन किया गया। सभी चयनित अभ्यार्थियों को कार्यालय में उपस्थित होकर अंकसूची और सभी दस्तावेजों को जमा करने कहा गया। ताकि दस्तावेज के मूल प्रति का भौतिक सत्यापन के बाद नियुक्ति प्रदान की जा सके।
सत्यापन कराने पर फर्जी पाए गए अंकसूची
ऐसे में चारों अभ्यर्थियों के द्वारा जमा किए गए 10वीं बोर्ड की अंकसूची जिसमें 98, 97, 99 और 96 प्रतिशत दर्ज था।
उसका सत्यापन माध्यमिक शिक्षा मंडल इलाहबाद उत्तरप्रदेश और स्कूल प्राचार्य से कराने पर पता चला कि वह सभी अंकसूची फर्जी है। जिसके बाद गुरुवार को डाकघर अधीक्षक नरेन्द्र राजपाल ने मामले की सूचना कोतवाली थाना में दी। जहां पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया गया। आरोपियों की तलाश की जा रही है।