रायपुर। गुरुघासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को लेकर सरकार किसी भी वक्त नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। 6 नवंबर को हाईकोर्ट ने अधिसूचना को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। जिस पर सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि अधिसूचना प्रकाशन के लिए भेज दी गई है।
सरकार की ओर नोटिफिकेशन के लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त वक्त मांगा था। इन 7 दिन में से चार दिन लगभग पूर हो चुके हैं। ऐसे में यह बताया जा रहा है कि सरकार आज या सोमवार तक नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। 7 अगस्त को हुई छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट की बैठक में टाइगर रिजर्व के गठन का निर्णय लिया गया था। टाइगर रिजर्व के गठन से राज्य में ईको-पर्यटन विकास होगा साथ ही कोर और बफर क्षेत्र में स्थित ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
साथ ही टाइगर रिजर्व में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर अथॉरिटी से अतिरिक्त बजट भी प्राप्त होगा। जिससे क्षेत्र के गांवों में आजीविका विकास के नए-नए कार्य किए जा सकेंगे। भास्कर ने इस मुद्दे को सबसे पहले उठाया था। गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने की कवायद 12 साल से चल रही है, लेकिन अब तक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने की कवायद 12 साल से चल रही है, लेकिन अब तक नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। दरअसल, पूर्ववर्ती रमन सिंह सरकार ने साल 2012 में गुरु घासीदास नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व घोषित करने के सैद्धांतिक निर्णय लिया था। इसका प्रस्ताव भी एनटीसीए को भेजा था। इसमें गुरु घासीदास नेशनल पार्क और तमोर पिंगला सेंचुरी को मिलाकर टाइगर रिजर्व बनाने का ड्राफ्ट था। कांग्रेस सरकार में यह मामला इस रिजर्व एरिया के कोल ब्लॉक, आइल ब्लॉक और मिथेन गैस ब्लॉक पर फंस गया। छत्तीसगढ़ सरकार ने 2022 में हृञ्जष्ट्र को अंतिम स्वीकृति के बाद ड्राफ्ट भेजा था। एनटीसीए ने शीघ्रता से ड्राफ्ट स्वीकार कर नोटिफिकेशन के लिए राज्य सरकार को अनुमति दे दी। इस बीच राज्य सरकार के खनिज विभाग ने 19 मई 2023 को घासीदास टाइगर रिजर्व में पेट्रोलियम पदार्थ गैस की संभावना जताते हुए भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय से सहमति लेने की सिफारिश की। इसके बाद से टाइगर रिजर्व का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। 30 मई 2012 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने घासीदास टाइगर रिजर्व बनाने का सैद्धांतिक निर्णय लिया था। 30 मई 2012 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले राज्य वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने घासीदास टाइगर रिजर्व बनाने का सैद्धांतिक निर्णय लिया था।