सारंगढ़। शहर का माई बाप नहीं, कहने के लिए तो यह जिला मुख्यालय है, और इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि सारंगढ़ शहर की विशेषता जिसे हर मंच पर दोहराया जाता है कि यह शहर पान, पानी व पालकी के लिए जाना जाता है। ध्यान रहे यह शहर अब बजबजाती हुई नालियां, कचरो का ढेर, जगह-जगह टूटी हुई सडक़ें शहर की विशेषता बन गई। शहर सफाई विहीन है, शायद ही शहर में झाड़ू लगता है या नहीं? यह कह पाना भी मुश्किल है। जब इस विषय पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां सफाई कर्मचारियों की कमी है। शासन को अवगत कराया गया है, साथ ही साथ इस विषय की जानकारी जिला कलेक्टर को भी दी गई है। वही नगर के प्रथम नागरिक नगर पालिका अध्यक्ष सोनी अजय बंजारे से शहर के गंदगी और अब व्यवस्थित सफाई व्यवस्था को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने कहा कि सारंगढ़ नगर पालिका में कांग्रेस की सरकार है।इसलिए भाजपा सरकार फूटी कौड़ी देने के लिए तैयार नहीं है। हमारे यहां के पुराने जो स्वीपर थे, सफाई कामगार थे वे सब के सब रिटायर्ड हो गए। उसके जगह नयी भर्ती करने की शक्ति मुझ में नहीं है। यह राज्य सरकार के द्वारा ही किया जा सकता है। फिर दूसरा महत्वपूर्ण बात यह की जिला मुख्यालय होने के कारण जिले के जितने उच्च अधिकारी हैं वहां स्वीपर लगा दिए गए हैं, जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। सफाई व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन और माननीय नगरीय निकाय मंत्री को ज्ञापन दिया गया है लेकिन आज पर्यंत इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। विशेष परिस्थितियों में मेरे पति मेरे प्रतिनिधि अजय रात्रि के समय स्वयं के व्यय से सफाई करवाते हैं। दुर्भाग्य का विषय यह है कि सारंगढ़ नगर पालिका का सेटअप आज भी नगर पंचायत के सेटपर चल रहा है। कलेक्टर महोदय से निवेदन है कि उक्त विषय पर संज्ञान लेते हुए अपनी ओर से 15 कर्मचारी शहर सफाई के लिए देवें।
सड़ रहा शहर सुध लेने वाला कोई नहीं

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lochan Gupta
