रायपुर। प्रदेश में मेयर के डायरेक्ट इलेक्शन को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि महापौर चुनाव प्रत्यक्ष होगा या अप्रत्यक्ष, अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है। बहुत जल्द ही सरकार निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर निर्णय लेगी।
हालांकि इसके पहले साव ने एक बयान में कहा था कि जनता डायरेक्ट मेयर का चुनाव करेगी। विष्णुदेव साय सरकार का यह ऐतिहासिक निर्णय है। अब अपना नेता जनता को चुनने का अधिकार होगा। साथ ही कहा कि कांग्रेस ने हार के डर से चुनाव प्रणाली बदली थी।
बाद में उनकी तरफ से कहा गया कि अधिसूचना को लेकर समझने में गलतफहमी हुई है। अभी महापौर चुनाव को लेकर फैसला नहीं हुआ है। आज जो दो अधिसूचनाएं जारी हुई हैं। उसमें एक मतदाता सूची में नाम जोडऩे को लेकर है। दूसरा नगरीय निकायों के कार्यकाल को लेकर है।
चुनाव नहीं हुए तो बढ़ सकता है कार्यकाल
बताया जा रहा है कि किसी कारण से अगर जनवरी में निगमों में नए जनप्रतिनिधि चुनकर नहीं आते तो अधिकतम 6 महीने कार्यकाल को बढ़ाया जा सकेगा। इस नियम का संशोधन भी किया गया है। निगम की धारा 20 में इस संशोधन का जिक्र है। ऐसे में माना जा रहा है कि निगमों में इस तरह के बदलावों को आगे सरकार लागू कर सकती है। राजपत्र में इस संशोधन के प्रकाशित होने से ये अधिकार सरकार को मिल गया है। इस पर कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि अपनी अलोकप्रियता की वजह से भाजपा सरकार ये कदम उठाने जा रही है।