रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में दिवाली के दिन बंगाली समुदाय ने मां काली की मूर्ति स्थापित की थी। जिसकी हर दिन पूजा-अर्चना की जा रही थी। चार दिन बाद सोमवार की रात विधि-विधान से मूर्ति का विसर्जन किया गया। शहर के सुभाष नगर बंगाली पारा में हर साल की तरह इस बार भी दीपावली की रात मां काली की प्रतिमा स्थापित की गई। रात में फूलमाला के साथ सिंदूर, दीप से मां की पूजा पाठ समुदाय के लोगों ने किया। इस रात बंगाली समाज की महिलाओं ने निर्जला उपवास भी रखा।
इसके बाद से लगातार चार दिनों तक यहां श्रद्धालु पहुंचे। सुबह और शाम पूजा अर्चना की गई। समाज के बड़े बुजुर्गों से लेकर बच्चे भी मां काली के दरबार पर मत्था टेकने पहुंचे। अब सोमवार को मां काली की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। पंडाल से प्रतिमा लेकर श्रद्धालु स्टेडियम रोड से चक्रधर नगर चौक तक पहुंचे। वहां से वापस स्टेडियम रोड होते हुए बोइरदादर चौक, विजयपुर चौक होते हुए विजयपुर तालाब में मां की प्रतिमा का पूरी श्रद्धा के साथ विसर्जन किया। समिति के सदस्यों ने तीन दिनों तक भंडारे का भी आयोजन किया। हर दिन दोपहर के समय प्रसाद भंडारा में बांटा जा रहा था। बंगाली समाज ही नहीं बल्कि मालीडीपा, बोइरदादर, विनोबा नगर, संजय नगर, आईटीआई क्षेत्र से काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचकर माता का प्रसाद ग्रहण कर रहे थे।
मां काली पूजा समिति के पूर्व अध्यक्ष मुकेश मजुमदार ने बताया कि, चार दिनों तक पूरा क्षेत्र मां काली की भक्ति में डूबा रहा। इसमें पंडाल स्थल पर महिलाएं काफी संख्या में पूजा पाठ के लिए पहुंच रही थी और समिति के पूरे सदस्य सुबह से लेकर रात तक मंदिर में व्यवस्था संभाल रहे थे। चौथे दिन एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर श्रद्धालु विसर्जन में शामिल हुए और पूजापाठ के बाद पूरी श्रद्धा के साथ माता की प्रतिमा का विसर्जन किया गया।
मां काली की प्रतिमा का हुआ विसर्जन
बंगाली समाज ने दीपावली के दिन की थी स्थापना
