रायगढ़। छठ महापर्व नजदीक आते ही घाटों की साफ-सफाई व रंग-रोगन के कार्य शुरू हो गया है। वहीं मंगलवार के नहाए-खाये से छठ महापर्व की शुरूआत हो रही है। जिससे व्रती महिलाएं अभी से तैयारी में जुट गई है। साथ ही छठ घाट में लाईटिंग व अन्य कार्य भी शुरू हो गया है, जो एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि छठ महापर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस साल छठ पूजा सात नवंबर को होगी। सूर्य देव की आराधना और संतान के सुखी जीवन की कामना के लिए छठ पूजा की जाती है, इसकी शुरुआत 2 दिन पहले चतुर्थी तिथि को नहाय खाय से होती है। फिर पंचमी को लोहंडा और खरना होता है। उसके बाद षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है, जिसमें सूर्य देव को शाम का अर्घ्य अर्पित किया जाता है। अगले दिन सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और फिर पारण करके व्रत को पूरा किया जाता है। तिथि के अनुसार, छठ पूजा 4 दिन की होती है। ऐसे में मंगलवार को नहाए-खाये से छठ व्रत की शुरूआत की जाएगी, जिसके लिए व्रती महिलाएं तैयारी में जुट गई है। जिससे छठ मईया के विशेष प्रसाद ठेकुआ तैयार करने के लिए घर-घर में गेंहू की साफ-सफाई का कार्य तेज हो गया है। तो वहीं पुरुष वर्ग छठ घाटों की साफ-सफाई और रंग-रोगन में जुट गए हैं। शहर के जुटमिल स्थित लेबर कालोनी छठ घाट में बड़े पैमाने पर पूजा होता है। यहां हर साल हजारों लोग छठ पूजा के लिए पहुंचते हैं। जिससे अभी से यहां साफ-सफाई के साथ रंग-रोगन किया जा रहा है। वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो इस घाट पर हर साल 10 से 20 बेदी नए बनते है, जिससे तीन-चार दिन पहले से ही वेदी बनाने का काम चल रहा है।
जूटमिल स्थित लेबर कालोनी छठ घाट की साफ-सफाई के साथ लाईटिंग की भी व्यवस्था समिति द्वारा कराई जा रही है। साथ ही नगर निगम द्वारा घाट की सफाई के साथ मार्ग को भी सफाई कराई जा रही है। इसके साथ ही इस साल मुख्य मार्ग से छठ घाट तक की सडक़ में टेंट व लाईटिंग की व्यवस्था की गई है, क्योंकि छठ पूजा के समय महिला-पुरुष व बच्चे भी देर शाम तक आना जाना करते हैं, जिससे इनको परेशानी का सामना न करना पड़े।
नदी-तालाबों के घाट में होगी पूजा
उल्लेखनीय है कि दिनों-दिन छठ मैय्या की चलन बढऩे से शहर के दर्जनों स्थानों पर छठ पूजा की तैयारी चल रही है, जिसमें देखा जाए तो एसईसीएल के पास केलो नदी किनारे, बेलादुला स्थित केलो नदी घाट, जगदंबा मंदिर के पास, जुटमिल लेबर कालोनी, बुढ़ी माई मंदिर स्थित करबला तालाब, गणेश तालाब, निकले महादेव मंदिर तालाब, भुजबधान तालाब, मि_ूमुड़ा तालाब, उर्दना स्थित तालाब सहित अन्य स्थान शामिल है। वहीं निगम द्वारा अभी तक कई तालाबों की साफ-सफाई भी नहीं कराई गई है। जिससे लोग निगम की राह देख रहे हैं, ताकि सफाई हो सके।