रायपुर। बलौदाबाजार आगजनी और हिंसा मामले में जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की पुलिस रिमांड 11 नवंबर तक फिर बढ़ा दी गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए न्यायालय में पेश हुए। पुलिस ने जांच की बात अभी बाकी कहते हुए दोबारा समय मांगा है। वहीं 13 नवंबर को हाईकोर्ट में यादव की पहली जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। इससे पहले 7 अक्टूबर को पेशी के दौरान पुलिस ने 5 पूरक चालान पेश किया था। लेकिन इसमें देवेंद्र का चालान नहीं था। देवेंद्र के वकील पुलिस पर चालान पेश करने का दबाव बना रहे हैं। बलौदाबाजार पुलिस ने अब तक चालान पेश नहीं किया है।
5 अक्टूबर को 90 दिन भी पूरे हो गए हैं। ऐसे में पुलिस को जल्द ही चालान पेश करना होगा। देवेंद्र के वकील ने सोमवार को हाईकोर्ट में भी उनके जमानत को लेकर याचिका लगाई है। इससे पहले 10 सितंबर और 17 सितंबर को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ख़ारिज की थी। देवेंद्र यादव की 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ रही है। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया। विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भडक़ाने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास आए और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की थी। वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है। देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित रूरूस् मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो-वीडियो के लिए थाने बुलाया था।
देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे आए हैं। लिखित में भी दिया है कि जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।