रायगढ़। जिले में हर साल की तरह इस साल भी दिवाली पर बंगाली समुदाय ने मां काली की प्रतिमा स्थापित की। सुभाष नगर बंगाली पारा स्थित मंदिर में बड़ी संख्या में लोग मां काली के दर्शन के लिए पहुंचे। इस दौरान महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा। अगले दिन पूजा-अर्चना के साथ व्रत खोला।
बंगाली समाज की महिलाएं और पुरुष शाम से ही मंदिर पहुंचना शुरू कर देते हैं। समाज के पदाधिकारी मां काली की प्रतिमा को पूरी आस्था के साथ लाते हैं। मंत्रोच्चरण के साथ ही प्रतिमा की स्थापना की जाती है, जिसके बाद फूलमाला, सिंदूर, दीप से यहां माता की पूजा अर्चना होती है। समाज के लोगों ने रातभर जागरण किया।
पूजा की तैयारी एक महीने से की जाती है। ऐसे में हर बार कुछ नया करने की सोच कर समिति के युवा काम पर जुट जाते हैं। मंदिर को पिछले साल की तुलना में आकर्षक तरीके से सजाया गया है। इस बार मंदिर में अलग-अलग रंग-बिरंगी झालरों की सजावट काफी आकर्षक है। इतना ही नहीं, पूरे आसपास के इलाके को झालरों की रोशनी से जगमगा दिया गया है।
बच्चों ने किया सांस्कृतिक कार्यक्रम
मंदिर में पूजा अर्चना के साथ समाज के बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। ऐसे में डांस के अलावा कई कार्यक्रम रखे जाते हैं, जिसमें काफी संख्या में बच्चे हिस्सा लेते हैं। यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम देर रात तक चलता है। इस दौरान बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाता है।
पांच दिनों तक होती है पूजा
काली पूजा समिति के पूर्व अध्यक्ष मुकेश मजुमदार ने बताया कि दीपावली की रात से पूजा शुरू होती है, जो पांच दिनों तक चलती है। काली पूजा के लिए करीब माह भर से तैयारियां की जाती है। आसपास के लोग भी यहां पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ यहां लगी होती है। अंतिम दिन समाज के सभी लोग विसर्जन के लिए जाते हैं।