बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अब अडानी की आड़ में भाजपा पर हमला करने की रणनीति में है। यही वजह है कि कोयला खदान आबंटन को लेकर बिलासपुर में मंगलवार को एसईसीएल मुख्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है। सीएम भूपेश बघेल ने संकल्प शिविर में कांग्रेसियों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपने का विरोध कर हल्ला बोलने का इशारा किया था।
दरअसल, एसईसीएल ने रायगढ़ जिले के पेलमा कोयला खदान का संचालन माइन डेवलपर एंड आपरेटर (एमडीओ) मोड पर करने का फैसला किया है। इसके लिए इसके लिए एसईसीएल ने अदानी समूह की कंपनी पेलमा कोलियरीज से एग्रीमेंट किया गया है। समझौते के अनुसार कोलियरीज अगले 20 वर्षों तक इसका संचालन करेगी।
इसके तहत परियोजना की डिजाइनिंग, फाइनेंसिंग, प्रोक्योरमेंट, निर्माण, संचालन एवं रख-रखाव से जुड़ी सभी गतिविधियों की जि़म्मेदारी पेलमा कोलियरीज की होगी। 20 वर्ष की अवधि के दौरान खदान से कुल 2190 लाख टन से अधिक कोयला निकालने का प्रस्ताव है। एक वर्ष में अधिकतम 150 लाख टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है। खदान से उच्च गुणवत्ता वाला जी-12 ग्रेड का कोयला निकाला जाएगा।
कांग्रेस आज एसईसीएल मुख्यालय का करेगी घेराव
सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े उपक्रम की खदान को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी मंगलवार को स्श्वष्टरु मुख्यालय का का घेराव कर विरोध प्रदर्शन करेगी। इस विरोध प्रदर्शन के लिए बीते तीन दिनों से प्रभावी रणनीति बनाई जा रही है। जिसमें जिले के सभी ब्लाक से वरिष्ठ कांग्रेसजनों के अलावा यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस व मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की उपस्थिति को अनिवार्य किया गया है।