रायगढ़. दीपावली त्यौहार में जाम से राहत दिलाने के लिए हर बार प्रशासन द्वारा नटवर स्कूल मैदान में दुकानें लगवाई जाती थी, लेकिन इस बार सभी दुकानें शहर की चौक-चौराहों सहित सडक़ किनारे सज गई है, जिसके चलते अब सुबह से शाम तक सडक़ों में जाम का नजारा देखने को मिल रहा है। ऐसे में अगर इन दुकानों को कहीं शिफ्ट नहीं कराया गया तो आने वाले दिनों में भीड़ के चलते लोगों का चलना मुश्किल हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अब दीपावली त्यौहार के लिए कम-डाउन शुरू हो गया है। ऐसे में अब इस त्यौहार के लिए मात्र तीन दिन ही शेष रह गया है। जिसको लेकर इन दिनों दीया से लेकर पेठा, बतासा सहित अन्य पूजा सामग्री की दुकानें शहर के चौक-चौराहों सहित सडक़ किनारे सज गई है। जिसके चलते सुबह से लेकर देर रात तक शहर में हर समय जाम का नजारा देखने को मिल रहा है। साथ ही इस बार एक जगह दुकान नहीं लगने फुटपाथ व्यवसायी मनमाने रेट पर बिक्री कर रहे हैं। इस संबंध में बाजार आए लोगों से बात की गई तो उनका कहना था कि विगत कई साल से दीपावली त्यौहार पर पूजा सामग्री की दुकाने नटवर स्कूल मैदान में जिला प्रशासन द्वारा लगवाई जाती थी, जिससे एक ही जगह से सभी सामानों की लोग खरीदी कर ले रहे थे। साथ ही एक जगह दुकानें होने के कारण व्यवसायी भी सामानों का रेट सही लगाते थे, लेकिन इस बार चौक-चौराहों में दुकानें लग जाने से लोगों को सामान खरीदी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, साथ ही सडक़ों में भीड़ होने के कारण काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।
आर्टिफिसियल दीया की ज्यादा मांग
उल्लेखनीय है कि इस साल बाजार में कुछ नए तो कुछ पुराने आइटम नजर आ रहे हैं, लेकिन पानी से जलने वाले दीये लोगों को खूब लुभा रहा है। पानी के दीये प्लास्टिक के आकार का है। इसमें एक लाइट लगी है। जब इसमें पानी डाला जाता है, तो लाइट जलने लगती है। इसके अलावा उरली दीये की भी डिमांड है। इस दीये के बीच में पानी डालकर उसके चारों ओर दीप जलाए जाते हैं, जो अक्सर टीवी के सीरयलों में देखने को मिलते हैं, लेकिन इस साल इन दीयों की ज्यादा मांग चल रही है। जिसके चलते व्यवसायी इस बार अलग-अलग डिजाईन में पानी के दीये लाए हैं, जिसको लोग खुब खरीदी करते नजर आ रहे हैं। वहीं बताया जा रहा है कि मिट्टी के दीयों की जगह अब रंग-बिरंगी झालरों ने ले लिया है। जिससे अभी से लोग अपने घरों को झलरों से सजाना शुरू कर दिया है।
मिट्टी के दीये की मांग हुई कम
गौरतलब हो कि इन दिनों शहर के चौक-चौराहों सहित सडक़ किनारे शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में कुम्हार मिट्टी के दीये की दुकान सजा दिए हैं, लेकिन इलेक्ट्रिानिक दीयों के चलते इसकी मांग काफी कम है। इस संंबंध में शहर के कुम्हार रवि ने बताया कि उनका परिवार कई सालों से मिट्टी के दीये, मां लक्ष्मी की दीये वाली प्रतिमा, छोटी और बड़ी दीये बनाने का काम करता हैं। इस बार भी बाजार में दुकान लगाया है। धीरे-धीरे ग्राहक भी आ रहे हैं, लेकिन इस बार मिट्टी के दीए की ज्यादा मांग नहीं है। साथ ही पिछले साल 15 रुपए में 12 दीये बेचे जा रहे थे, लेकिन इस महंगाई के चलते इसका भी रेट बढ़ गयाहै। ऐसे में अब 20 रुपए में 12 दीये बेच रहे हैं। जिससे लोग सिर्फ पूजा के लिए ही दीये की खदीदी कर रहे हैं।