रायगढ़। बच्चों के शिक्षा अधिकार कानून के लिए भले ही सरकार लाख प्रयास कर ले लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ना तो यहां सरकारी आदेश निर्देश का कोई मायने और ना ही बच्चों की शिक्षा व सुरक्षा व्यवस्था। यूं कहें तो शिक्षा विभाग सब कुछ रामभरोसे चल रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां पर स्कूल में शिक्षक नदारत रहते हैं। मामला लैलूंगा विकासखण्ड के एक स्कूल का है।
मिली जानकारी के अनुसार लैलूंगा विकासखंड के ग्राम खार में संचालित पुर्व माध्यमिक विद्यालय का है, जहां पर छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों ने बताया कि यहां शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण पढ़ाई व्यवस्था ठप्प रहती है। उन्हें स्कूल में शिक्षक कभी नहीं पढाते हैं। शिक्षक स्कूल में कभी कभार एकाध बार ही आते हैं फिर दर्शन दुर्लभ हो जाता है।
ग्राम पंचायत के सरपंच सहित जागरूक ग्रामीणों ने हमारे संवाददाता को बताया कि यहां का स्कूल शिक्षा पुरा ठप्प पड़ा हुआ है,जब भी वे स्कूल आते हैं, लेकिन शिक्षकों से कभी मुलाकात नहीं हुई। लेकिन इस तरह मामले में संकुल व विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़ा होता है, क्या विकासखंड क्षेत्र के शिक्षा की व्यवस्था पर नजर नहीं? क्या विकासखंड शिक्षा अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण नहीं करते हैं? और यदि करते भी हैं, तो फिर इतनी बड़ी लापरवाही शिक्षकों द्वारा कैसे किया जा रहा है। जहां पर इस तरह से स्कूलों के शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है।बहरहाल अब देखना होगा, खार स्कूल के शिक्षा व्यवस्था कब तक सुधार होगा,ये तो राम ही जाने।