रायपुर। झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव की तीन दिनों की पुलिस रिमांड खत्म हो गई है। जिसके बाद अमन साव को फिर एक बार रायपुर केंद्रीय जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इस बीच पुलिस ने तेलीबांधा फायरिंग मामले में गैंगस्टर से पूछताछ की। पुलिस ने रिमांड आगे बढ़ाने की मांग नहीं की। जिसके बाद उसे कोर्ट ने न्यायिक रिमांड में भेज दिया है। अब अमन साहू को 28 अक्टूबर को फिर एक बार सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। चर्चा है कि पुलिस को अब तक कि पूछताछ में कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे हैं जिससे साबित हो सके की फायरिंग मामले में अमन साव का सीधा कनेक्शन था। इस वजह से बताया जा रहा है कि पुलिस कोर्ट में फिर रिमांड के लिए आवेदन लगाएगी।
रायपुर पुलिस को इनपुट मिला है कि जेल से ही गैंगस्टर अमन सोशल मीडिया ऐप के जरिए अपने गुर्गों को डायरेक्शन देता है। अमन पर झारखंड की जेल में बैठकर रायपुर के कारोबारियों पर भी गोली चलवाने का आरोप है। इसी मामले में पुलिस ने अमन से पूछताछ की है। 40 पुलिसकर्मियों की टीम अमन साव को झारखंड से प्रोडक्शन वारंट पर 14 अक्टूबर को रायपुर लेकर आई थी। कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल की कार पर फायरिंग केस में अमन साव मुख्य आरोपी है। 13 जुलाई को अमन के गुर्गों ने फायरिंग की थी। इस गोलीकांड में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था। रायपुर के तेलीबांधा इलाके में पीआरए कंस्ट्रक्शन नाम से ऑफिस है जहां फायरिंग हुई थी। इसके बाद से अमन को रायपुर लाने की तैयारी चल रही थी।
अमन साव को रायपुर प्रोडक्शन वारंट में लाने पर रायपुर पुलिस को पांचवीं बार में सफलता मिली है। इससे पहले चार बार रायपुर पुलिस के अधिकारी प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मांग कर चुके थे, लेकिन हर बार उनकी मांग को नकार दिया जाता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमन साहू के गिरोह के पास एडवांस हथियार हैं। अमन साव का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है। साव के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते हैं। 9 मई 2023 को एनटीपीसी कोल परियोजना की आउटसोर्स कंपनी ‘ऋ त्विक’ के प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या भी अमन साव ने कराई थी। स्थानीय मीडिया के अनुसार, शरद कुमार से 60 करोड़ की रंगदारी की मांग की गई थी। मांग पूरी नहीं करने पर हत्या कर दी गई। इसके अलावा गिरिडीह जेल के जेलर पर फायरिंग के आरोप भी अमन साव पर लगे थे।
अमन साव गिरोह के कई सदस्य कोयला कारोबारियों, बिल्डरों, ट्रांसपोर्टरों और कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं। अमन खुद भी खुलासा कर चुका है कि उसका लॉरेंस बिश्नोई से संबंध है। झारखंड और रायपुर पुलिस के अलावा अमन साव गिरोह के खिलाफ एनआईए भी जांच कर रही है। 9 महीने पहले ष्टढ्ढष्ठ ने ्रञ्जस् को जो रिपोर्ट सौंपी थी उसके अनुसार अमन साव के गिरोह में 145 गुर्गे हैं। इनमें 99 जेल से बाहर हैं। अमन के जेल जाने के बाद गैंग को मयंक सिंह अमन के ही गाइडेंस पर चला रहा है। मयंक मूल रूप से यूपी के देवरिया का रहने वाला है। इस गैंग के पास 5 एके-47 सहित 250 से ज्यादा हथियार हैं। अमन साव गिरोह के पास 250 से अधिक हथियार हैं। जिसमें 9 कार्बाइन, 70 देसी कट्टा और 166 पिस्टल हैं। ये आंकड़े और भी ज्यादा हो सकते हैं।
अमन साव पुलिस रिमांड से रायपुर केंद्रीय जेल शिफ्ट
तेलीबांधा फायरिंग मामले में 3 दिनों तक की पूछताछ, 28 को फिर करेंगे कोर्ट में पेश
