रायपुर। राजधानी में 6 साल के मासूम को कुत्तों ने नोंच लिया है। मासूम के पेट पर गंभीर चोट आई है। इस घटना का एक सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है। परिजनों ने पुरानी बस्ती पुलिस और नगर निगम कमिश्नर को डॉग मालिक के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायतकर्ता दीपक केवलानी ने बताया कि वह लाखे नगर के सिंधी मोहल्ले में रहता है। मोहल्ले में मुरली किंगरानी का परिवार है जिसने अपने घर पर 4-5 आवारा कुत्ते पाल रखे हैं। ये कुत्ते अक्सर आते जाते लोगों पर अटैक करते हैं।
दीपक केवलानी का कहना है कि, शनिवार को उनका बेटा वंश केवलानी दोपहर 12 बजे के करीब पड़ोस के घर पर खेलने जा रहा था। इसी दौरान गली में खड़े दो-तीन कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। डॉक्टर ने कहा है कि उसे 5 इंजेक्शन लगेंगे। उन्होंने नगर निगम कमिश्नर, पुरानी बस्ती थाना और पार्षद के पास इस घटना को लेकर शिकायत की है। उनका कहना है कि इस बात को लेकर मोहल्ले वालों का भी मुरली किंगरानी के साथ कई बार विवाद हो चुका है। यदि मुरली किंगरानी को डॉग्स पालने का शौक है तो वह उन्हें जंजीर में बांधकर घर पर रखें। दूसरों के लिए खतरा न बने।
मानव आयोग के मुताबिक, प्रदेश में सबसे अधिक रायपुर में 15 हजार 953 डॉग बाइट की घटनाएं हुई हैं। वहीं कोरबा, बलौदाबाजार और राजनांदगांव में 1-1 मौत हो चुकी है। छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरिधारी नायक कहा कि, यह बेहद घातक है। कई जगह तडक़े सुबह या देर रात में लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे। कुत्तों के काटने से मानव अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में पिछले एक साल में 1 लाख 19 हजार 928 लोगों को कुत्तों ने काटा है। इनमें से 3 लोगों की जान भी गई है। विशेष लोक अभियोजक विनोद भारत से दैनिक भास्कर ने कानूनी कार्रवाई को लेकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि, डॉग बाइट केस में सबसे पहले यह जानिए कि कुत्ता पालतू है या आवारा। अगर पालतू कुत्ता काटता है तो पुलिस थाने में भी शिकायत की जा सकती है। कुत्ते के मालिक के खिलाफ पालतू जीव को ध्यान से नहीं रखने के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। विनोद भारत ने बताया कि, डॉग बाइट में चोट के हिसाब से सजा हो सकती है। इसमें गंभीर चोट में 6 माह से लेकर 2 साल तक की भी सजा हो सकती है। वहीं अगर आवारा कुत्ते काटते हैं या क्षेत्र में कुत्तों का आतंक है तो नगर निगम निदान 1100 में कॉल कर सकते हैं। वही नगर निगम के हेड ऑफिस या जोन ऑफिस में भी शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा निगम के खिलाफ भी शिकायत हो सकती है।