भटगांव। करवा चौथ का पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस दिन पति की लंबी उम्र के लिए पत्नियों ने निर्जला व्रत रखा। महिलाओं ने हर्षोल्लास के साथ व्रत किया। मौसम मे बदलाव की वजह से हल्की ठंडक ने व्रति महिलाओं को राहत दी। पत्नी को और भूख प्यास न सहनी पड़े इसलिए रविवार को कई पति तय वक्त से पहले घर पहुंच गए थे। हालाकि मौसम ने सुहागिनों की खूब परीक्षा ली। बादलों के बीच चांद की ऐसी लुकाछिपी चली की दर्शन ही दुर्लभ हो गए। चांद दिखता भी तो इतना कम कि पूजा संपन्न कर चलनी की ओट से साजन के चेहरे का दीदार करने का वक्त ही नही मिलता। ऐसे मे सुहागिनों को काफी लंबे समय तक चंद्रदेव के दर्शन का इंतजार करना पड़ा। ऐसे मे महिलाएं मोबाइल पर अन्य शहरों के परिवारजनों से चांद दिखने की जानकारी लेती रही। नगर भटगांव मे रात करीब पौने 9 बजे पहली बार चौथ के चांद के पूरे दीदार हुए। महिलाओं ने तुरंत एक दूसरे को इसकी सूचना दी। व्रती महिलाओं ने चांद को अधर्य देकर करवा माता की कथा सुनाई। पूजा मे मिट्टी और पीतल के करवे का खास महत्व था। महिलाएं पति के चेहरे को देखकर व्रत का समापन करती है। उनकी लंबी उम्र की कामना करती है। वही चर्चा के दौरान सुहागिन महिलाएं नवीन वैष्णव, ज्योति वैष्णव, दीपमाला वैष्णव, बबीता साहू, ज्योति साहू, शीला साहू ने बताया कि करवा चौथ का व्रत पति की दीर्घायु और सुख समृद्धि के लिए रखा जाता है। तांकि परिवार मे हमेशा सुख समृद्धि बनी रहे और पति दीर्घायु हो। सुबह उठकर जल ग्रहण करते है फिर पूरा दिन निर्जला रहते है। पूरे दिन व्रत धारी महिलाएं विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों मे भाग लेकर मां करवा सहित अन्य देवी देवताओं की विशेष पूजा अर्चना करती है। उन्होने आगे बताया कि इस व्रत को रखने से पति पत्नि के बीच प्रेम मे वृद्धि होती है। पति पत्नि दोनो ही इस व्रत का सम्मान करते है। रात को जब पति देव घर आते है। तब चंद्रमा का दीदार कर उनके हाथों से जल ग्रहण करते है।