घरघोड़ा। नगर पंचायत घरघोड़ा में लंबे समय से सडक़, बिजली, पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की घोर उपेक्षा से आक्रोशित होकर नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षदों ने तालाबंदी आंदोलन का ऐलान कर दिया है। सडक़ों की जर्जर हालत, स्ट्रीट लाइट्स का न जलना, कई वार्डों में बोरवेल खराब होने से पेयजल आपूर्ति बाधित होना और कचरे के अनियमित उठाव से जनता त्रस्त है। इन समस्याओं के समाधान के लिए कई बार प्रशासन से अपील की गई, लेकिन कोई ठोस कदम न उठाने से नाराज अध्यक्ष और पार्षद अब जनता के साथ मिलकर नगर पंचायत की तालाबंदी करेंगे।
लालफीताशाही हावी, जनहितकारी योजनाएं ठप
नगर के कई क्षेत्रों में जनहितकारी योजनाओं पर भी लालफीताशाही हावी हो गई है। योजनाओं का लाभ नागरिकों तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे आम जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्ट्रीट लाइट्स महीनों से खराब पड़ी हैं, जिससे रात के समय अंधेरे में सडक़ पर चलना मुश्किल हो गया है। वहीं, कई वार्डों में बोरवेल खराब होने से लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। इन सबके अलावा, कचरे का समय पर उठाव न होने के कारण पूरे नगर में गंदगी फैल गई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा हो रही हैं।
अध्यक्ष और पार्षदों का आक्रोश
नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा, ‘नगर के बुनियादी विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। जब बार-बार शिकायतों के बाद भी प्रशासन हमारी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता, तो हम मजबूरन यह कदम उठाने पर विवश हुए हैं। जनता के हितों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’
पार्षदों ने भी अध्यक्ष का समर्थन करते हुए कहा कि प्रशासन की इस लापरवाही ने नगरवासियों का जीवन मुश्किल बना दिया है। एक पार्षद ने कहा, ‘बिजली और पानी जैसी जरूरी सेवाओं की अनदेखी हो रही है, और कचरा प्रबंधन भी पूरी तरह से असफल साबित हो रहा है। हम जनता के साथ मिलकर इस अन्याय के खिलाफ खड़े हैं।’
नगरवासियों का समर्थन
नगरवासियों ने भी इस तालाबंदी आंदोलन का पूरा समर्थन किया है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है, स्ट्रीट लाइट्स बंद हैं, और कई बोर खराब पड़े हैं,पानी के लिए हमें दूर-दूर तक जाना पड़ रहा है। नगर पंचायत का यह आंदोलन सही है, और हम उनके साथ हैं।
तालाबंदी से बढ़ेगा प्रशासन पर दबाव
तालाबंदी के बाद नगर पंचायत की सभी गतिविधियां ठप हो जाएंगी, जिससे प्रशासन पर दबाव बढऩे की संभावना है। अध्यक्ष और पार्षदों का कहना है कि जब तक इन समस्याओं का हल नहीं निकाला जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका स्पष्ट संदेश है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की जरूरत है।