भिलाईनगर। शहर की यातायात व्यवस्था बदहाल हालत में परिवर्तित हो गई है। जिसको सुधारने के लिए किसी भी तरह की सकारात्मक पहल वर्तमान समय तक नहीं हो पा रही है। शासन प्रशासन में बैठे लोग सडक़ सुरक्षा सप्ताह एवं सडक़ सुधार समिति की बैठक में लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। परंतु धरातल में उस व्यवस्था को लागू करने का कोई भी प्रयास अभी तक नहीं किया गया है। प्रशासन स्तर पर लिए गए निर्णय पर अमल नहीं होने से नागरिकों के बीच इस तरह केनिर्णय जगहसाई पात्र बनते जा रहे है। यातायात विभाग में पदस्थ अधिकारी शहर की यातायात व्यवस्था को दूरस्त करने के विषय पर हमेशा ही रटा-रटाया जवाब देते हैं, कि विभाग के पास पर्याप्त बल नहीं है। जिसकी वजह से ही शहर के प्रमुख चौक चौराहों को अनाथ व्यवस्था में छोड़ कर रख दिया गया है।और नागरिक इन चौक चौराहा में प्रतिदिन अपनी जान को जोखिम में डालकर यातायात करने पर मजबूर है। इसकी वजह से कर्मचारी विहीन निर्मित हुए इन चौक चौराहा में हर रोज सडक़ दुर्घटना होती रहती है। और इस सडक़ दुर्घटना में कई लोगों की जान भी जा चुकी है।उसके बावजूद भी यातायात विभाग की आंखें खुल नहीं पा रही है। हाल ही में शहर के सबसे व्यस्ततम थोक बाजार लिंक रोड में बदहाल यातायात व्यवस्था के चलते एक बालक की मौत के बाद प्रशासन ने कुछ निर्णय लिए थे। यातायात विभाग के अधिकारियों ने भी उसे क्षेत्र का निरीक्षण किया था। परंतु उसके बावजूद भी लिंक रोड पर यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई है। यातायात विभाग द्वारा बनाई गई व्यवस्था के विपरीत सडक़ों पर भारी वाहनों को दिन दहाड़े खड़ा करके माल लोडिंग अनलोडिंग करने का काम दुकानों के सामने किया जा रहा है। जिसकी वजह से नागरिकों का इस सडक़ से गुजरना दिन प्रतिदिन कष्टदायक होता जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ नागरिकों के बीच यह चर्चा का विषय है कि यातायात विभाग के अधिकारियों ने इस क्षेत्र का दौरा कर जो निर्णय लिया था। उस पर वह अमल करने में कामयाब नहीं हो पा रहा हैं क्योंकि क्षेत्र के व्यापारी इस मामले में अपनी मनमानी करने पर पूरी तरह आमादा है। और यातायात विभाग के अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय को ठेंगा दिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में विभाग को यहां पर लिए गए निर्णय का कड़ाई से पालन करने का कार्य करना चाहिए और अन्यथा फिर कोई दुर्घटना होगी और फिर वही पुरानी बातें दोहराई जाएगी।